सतना। मध्यप्रदेश के सतना में निजी अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत के बाद हंगामा खड़ा हो गया। नाराज परिजन अस्पताल कैंपस में धरने पर बैठ गए और शव लेने से इंकार करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर पैसे वसूलने के लिए मृत महिला का इलाज करने का आरोप लगाने लगे।

जानकारी के मुताबिक सतना शहर के पतेरी में रहने वाले संतोष गुप्ता की पत्नी रागिनी गुप्ता की मौत के बाद निजी अस्पताल में बवाल मच गया। नाराज परिजन हंगामा करने लगे और अस्पताल प्रबंधन पर मौत के बाद भी रागिनी का घंटों इलाज सिर्फ रकम वसूलने के लिए करते रहने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए। हालात बिगड़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने कोलगवां थाना से पुलिस भी बुला ली। लेकिन परिजन प्रबंधन के खिलाफ एक्शन न होने तक शव लेने के लिए राजी नहीं थे।

परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन ने 40 हजार रुपये जमा करा लिए और रागिनी को आईसीयू में ले जाकर भर्ती कर लिया। वहां किसी को भी जाने नहीं दिया गया। परिजन बार-बार आईसीयू में जाकर रागिनी का हाल देखने का आग्रह करते रहे लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। रात में जब रागिनी को रीवा मेडिकल कॉलेज ले जाने की बात करते हुए रेफर करने के लिए कहा गया तो अस्पताल के स्टाफ ने उसकी मौत हो जाने की जानकारी दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि रागिनी की मौत पहले ही हो चुकी थी इसीलिए उसे देखने जाने से बार-बार रोका जा रहा था और जब रेफर की बात आई तो पोल खुलने के डर से उसे मृत बता दिया गया।

बताया गया कि रागिनी गर्भवती थी, उसके गर्भ में जुड़वा बच्चे थे। उसका इलाज नागपुर के किसी डॉक्टर की देखरेख में चल रहा था। लेकिन गुरुवार की दोपहर अचानक उसकी तबियत बिगड़ी तो परिजन उसे पहले तो शहर के राजेन्द्र नगर में एक नामी महिला रोग विशेषज्ञ के पास ले गए और फिर वहां से इसी प्राइवेट हॉस्पिटल ले आए। अस्पताल लाते समय रागिनी अचेत अवस्था में थी। घंटों बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। उधर इस मामले में पुलिस का कहना है कि परिजनों का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर है। महिला के इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज प्रबंधन से मांगे गए हैं। उसकी मौत का वास्तविक समय पता लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है।

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