नई दिल्ली/भोपाल/खंडवा। गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो अंतरराज्यीय हथियार तस्करों का भंडाफोड़ किया है। चार हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पंजाब के रहने वाले रोहित कुमार (26), पवन कुमार (28), सन्नी (21) और हर्षदीप (19) चार साल से अधिक समय से हथियारों की तस्करी में शामिल हैं। उनके कब्जे से 18 पिस्तौल बरामद की गईं। आरोपियों ने हथियारों को मध्यप्रदेश के सेंधवा (बड़वानी) व बुरहानपुर से मंगाया। फिर दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सप्लाई की।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पीएस कुशवाह ने बताया, 13 जनवरी को सूचना के बाद तीन आरोपी रोहित, पवन और हर्षदीप को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के ऑटो स्टैंड के पास बारापुला रोड से गिरफ्तार किया गया था। चौथे आरोपी हर्षदीप के आका सन्नी को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया। सनी, हर्षदीप ने बुरहानपुर के सप्लायर से पिस्टल की खेप खरीदी थी। रोहित, पवन ने सेंधवा से पिस्टल खरीदी हैं। दरअसल, मप्र का खरगोन, बड़वानी और बुरहानपुर जिला अवैध हथियारों की मंडी बन गए हैं।

4 तस्कर पुलिस से बचने के लिए झोले में अवैध पिस्टल और कट्टे बनाने का सामान लेकर चलते हैं। मौका मिलते ही हाथों-हाथ हथियार बना देते हैं। इन्होंने दुर्गम इलाकों में छोटी फैक्ट्री बना रखी हैं।

4 अवैध हथियार बनाने वाले 200 रुपए की सामग्री में दो दिन में पिस्टल तैयार कर लेते हैं। यह 8 से 10 हजार तक में आसानी बिक जाती है। सस्ते दाम पर गुणवत्ता वाला हथियार मिलने से इनकी पूछ-परख ज्यादा है।

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पुलिस से बचने हर बार मोबाइल व सिमकार्ड बदलते रहते थे। इंदौर आने के बाद आरोपी बस से खंडवा, बुरहानपुर, सेंधवा की यात्रा बस बदलकर करते थे, ताकि इन पर किसी को शक न हो।

तीन साल में एक हजार पिस्टल जब्त

मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल में अवैध हथियारों के निर्माण और इनकी तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कार्रवाई में जुटी है, लेकिन उसी रफ्तार से इनका कारोबार चल रहा है। वर्ष 2020 से 2022 तक निमाड़ के चारों जिलों की पुलिस ने करीब एक हजार पिस्टल जब्त की हैं।

 

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