दिल्ली की सड़कों से लाखों कुत्तों को शेल्टर हाउस में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने देशभर में गुस्सा भड़का दिया है। आम लोगों से लेकर सेलिब्रेटी तक इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली में डॉग लवर्स लगातार प्रदर्शन कर कोर्ट से अपील कर रहे हैं कि स्ट्रीट डॉग्स को शेल्टर हाउस में न भेजा जाए। इसी कड़ी में गुरुवार को इंदौर में भी विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां सैकड़ों डॉग लवर्स ने रीगल स्क्वैयर पर हाथों में तख्तियां लेकर कुत्तों को बचाने की गुहार लगाई।

वैक्सिनेशन में प्रशासन की नाकामी पर सवाल

डॉग अधिकारों के लिए काम करने वाली एक्टिविस्ट और एनजीओ संचालिका प्रियांशु जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश कुत्तों की समस्या का हल नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि कोर्ट को अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए, क्योंकि डॉग समाज का हिस्सा हैं और शेल्टर हाउस में भेजे जाने से उनका जीवन कठिन हो जाएगा। प्रदर्शन में शामिल उज्जवल स्वामी और अन्य डॉग लवर्स ने आरोप लगाया कि प्रशासन कुत्तों के वैक्सिनेशन में पूरी तरह विफल रहा है। उनका कहना था कि यदि सही वैक्सिनेशन और भोजन की व्यवस्था हो तो डॉग इंसानों के बेहतरीन साथी बन सकते हैं।

हिंसा और दुर्व्यवहार का मनोवैज्ञानिक असर

डॉग लवर कुणाल सिंह ने बताया कि कुत्तों के साथ होने वाली हिंसा, दुर्व्यवहार और दुत्कारने से उन पर गहरा मनोवैज्ञानिक असर पड़ा है। कई बार उन्हें पर्याप्त भोजन भी नहीं मिलता, जिससे वे हिंसक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब लगभग 50 लोग उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं, तो कुत्ते इंसानों पर भरोसा नहीं कर पाते और अच्छे इरादे से पास आने वाले को भी काट लेते हैं।

शहरों से हटाना नहीं है समाधान

डॉग लवर सरिता मेहता ने कोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कुत्तों की समस्या का समाधान उन्हें शहरों से हटाना नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि दिल्ली से कुत्ते हटा दिए जाते हैं, तो गाजियाबाद जैसे नजदीकी इलाकों से लाखों कुत्ते दिल्ली पहुंच जाएंगे और यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, लखनऊ, बैंगलोर सहित कई शहरों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और नाराजगी जता रहे हैं।

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