मध्य प्रदेश में दमोह जिले की पथरिया सीट से विधायक रह चुकीं सोनाबाई इन दिनों चर्चा में है। वजह है अलग रह रहे पति सेवकराम अहीरवार की ओर से पूर्व विधायक पर लगाए गए आरोप। सेवकराम ने ना सिर्फ पत्नी पर विधायक बनने के बाद भूल जाने का आरोप लगाया बल्कि उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए पत्नी के पेंशन से गुजारा भत्ते की मांग भी की है। विकलांग हो चुके पति का दावा है कि उन्होंने ही मेहनत करके पत्नी को चुनाव लड़वाया लेकिन राजनीति में जाने के बाद वह बदल गई। अब सोना बाई ने पति के आरोपों पर जवाब भी दिया है।
टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में सोना बाई ने स्वीकार किया कि वह पति से 10 साल से अलग रह रही हैं और अपने बच्चों के साथ मायके में रहती हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए उन्हें अदालत में केस किए जाने का पता चला है और वह नोटिस का इंतजार कर रही हैं। पूर्व विधायक ने कहा, 'आप लोगों के माध्यम से ही मुझे पता चला है कि न्यायालय में उन्होंने मुझ पर केस लगाया है। उस संबंध में मुझे नोटिस मिलने दो, उसके बाद मैं बता पाऊंगी कि क्या (आरोप) लगाया है। मुझे भी मीडिया से ही पता चला है, मुझे कुछ बताया नहीं है।'
पति की ओर से लगाए गए बेवफाई के आरोपों को लेकर सवाल किए जाने पर अधिक कुछ ना कहते हुए सोना बाई ने माना कि वह एक दशक से पति के साथ नहीं हैं। सोना ने कहा, 'मैं 10 साल से अलग रह रही हूं। मैं अभी कुछ नहीं बोल सकती हूं। मेरे साथ तीन बच्चे रह रहे हैं। मैं मायके में रह रही हूं। मैं अभी इतना ही बोल सकती हूं। मुझे नोटिस मिलने दो। मैं उनका जवाब भी दूंगी और मीडिया से भी बात करूंगी।'
क्या है सोना और सेवक की कहानी
सेवकराम का कहना है कि सोना बाई से उनकी शादी सागर जिल में1993 में हुई थी। वह राजनीति में सक्रिय थे। करीब 10 साल बाद उनकी पत्नी सोना बाई की राजनीति में आने की इच्छा हुई। वह विधायकी का चुनाव लड़ना चाहती थीं। सेवकराम का कहना है कि उन्होंने भोपाल जाकर काफी प्रयास किया और भाजपा का टिकट अपनी पत्नी को दिलाया। सेवकराम का दावा है कि उनकी ही बदौलत पत्नी 2003 में विधायक का चुनाव लड़ीं और जीत हासिल करने में कामयाब रहीं। वह 2008 तक इस सीट से विधायक रहीं।
पति ने मांगा है गुजारा भत्ता
सेवक राम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पांच साल तो व्यवहार ठीक रहा, लेकिन बड़े-बड़े नेताओं से मिलते जुलते सोना बाई बदल गईं। उन्होंने कहा, 'मेरे से साथ गलत व्यवहार करने लगी और साथ छोड़ दिया।' सेवकराम का आरोप है कि अपमान करने के बाद पत्नी घर छोड़कर चली गई। तब से ही दोनों अलग रह रहे हैं, लेकिन अभी तक तलाक नहीं हुआ है। सेवकराम 2016 में एक दुर्घटना के बाद शारीरिक रूप से अक्षम हो गए। अब उन्होंने एक परिवार न्यायालय में अर्जी दाखिल करते हुए पत्नी से गुजारा भत्ता दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि पूर्व विधायक के रूप में पत्नी को मासिक 50 हजार रुपये की पेंशन मिलती है, जिसमें से उन्हें 25 हजार रुपये दिए जाए, क्योंकि वह काम करने की स्थित में नहीं हैं।
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