स्वच्छ भारत सर्वेक्षण के परिणाम 17 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। इसके लिए एक विशेष कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जा रहा है। इसमें  राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू  मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी। राष्ट्रपति स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को पुरस्कृत करेंगी। इस बार सुपर स्वच्छ लीग शहर, जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष  स्वच्छ शहर की श्रेणी बनाई गईं है। इसके अलावा  विशेष श्रेणी भी हैं। इसमें गंगा शहर, छावनी बोर्ड, सफाई मित्र सुरक्षा और महाकुंभ को शामिल किया गया है। इसके अलावा राज्य स्तरीय पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इसमें राज्य व केंद्र शासित प्रदेश का होनहार स्वच्छ शहर भी पुरस्कृत होगा। इस तरह से चार श्रेणियों में कुल 78 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। हमेशा टॉप रहने वाले इंदौर शहर सुपर स्वच्छ लीग में शामिल हैं। इंदौर के अलावा करीब 12 अन्य शहर भी इसमें है, जो कई साल से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सुपर स्वच्छ लीग में स्वच्छता का आंकलन अलग तरीके से होगा।  

वैसे जानकारों का कहना है कि सात साल से लगातार देश में स्वच्छता का ताज बरकार रखने वाले इंदौर का दावा सुपर स्वच्छ लीग में सबसे मजबूत है, लेकिन सूरत की तरफ से कड़ी टक्कर इंदौर को मिली है। सूरत ने पिछले साल भी इंदौर के साथ स्वच्छता का पुरस्कार साझा किया था। लीग में जो शहर पहले स्थान पर होगा, उसे स्वच्छता लीग पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ जानकार बता रहे हैं कि अन्य श्रेणी में  गुजरात के अहमदाबाद  पहले स्थान पर और भोपाल दूसरे स्थान पर हो सकता है। विजेता शहरों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। इंदौर को स्वच्छ रखने वाले अफसर विज्ञान भवन में  होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।

चार हजार से अधिक शहरों की रैंकिंग

स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में  4 हजार 700 शहर शामिल हैं। इन शहरों को 12 हजार 500 में से अंक दिए जाएंगे। ये अंक कचरा प्रबंधन, निपटान, पब्लिक फीडबैक, कचरा संग्रहण सहित अन्य केटेगरी में मिलेंगे। 

इंदौर का दावा इसलिए मजबूत

इंदौर में सड़कों की सफाई, कचरा कलेक्शन और कचरा निपटना का सिस्टम सबसे मजबूत है। इंदौर के लोग भी सफाई को लेकर सजग हैं। वे कचरा सड़कों पर नहीं फेंकते हैं। दूसरे शहरों में यह सिस्टम नियमित तौर पर काम नहीं कर पा रहा है। सूरत ने पिछले साल डोर डू डोर कचरा संग्रहण पर काफी काम किया था। इसमें इंदौर और सूरत के  सामान नंबर आए थे। 

14 करोड़ नागरिकों से हुआ संवाद

 सबसे पहले साल 2016 में 73 शहरी स्थानीय निकायों से ये पुरस्कार शुरू किए गए थे। अब करीब  4,500 से अधिक शहर इसमें शामिल हो चुके हैं।  इस बार का स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार "रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल" की थीम पर आधारित है। इसके लिए 3,000 से ज़्यादा मूल्यांकनकर्ताओं ने 45 दिनों की तक देश के हर वार्ड में गहन निरीक्षण किया है। इस सर्वेक्षण में  11 लाख से ज़्यादा घरों का मूल्यांकन किया गया है। इसमें 14 करोड़ से ज्यादा  नागरिकों से अलग-अलग तरीके से संवाद किया गया है। 

सुपर स्वच्छ लीग (एसएसएल) की शुरूआत

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों के लिए सुपर स्वच्छ लीग (एसएसएल) की शुरुआत की गई है। सुपर स्वच्छ लीग का उद्देश्य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्वच्छता के उच्च मानकों तक पहुंचाना है।  सुपर स्वच्छ लीग में वे शहर शामिल हैं जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में स्थान पा चुके हैं। चालू वर्ष में अपनी संबंधित जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 20 प्रतिशत में बने हुए हैं।

पहली बार शहरों की जनसंख्या के आधार पर पांच श्रेणियां

स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार, शहरों को जनसंख्या के आधार पर पांच श्रेणियों में बांटा गया है। बहुत छोटे शहर जिनकी आबादी  20,000 से कम है। छोटे शहर जिनकी आबादी  20,000 - 50,000 के बीच है। मध्यम शहर में  50,000 - 3 लाख की जनसंख्या , वाले शहरों को रखा गया है। वहीं बड़े शहरों में  तीन लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहर शामिल हैं। 10 लाख जनसंख्या और  दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को पाचवीं श्रेणी में रखा गया है।  प्रत्येक श्रेणी का मूल्यांकन उसके आकार और विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप मानकों के आधार पर किया गया है। सबसे स्वच्छ शहरों को प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। 

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