इंदौर में फर्जी आबकारी चालान घोटाले में फंसे अफसर और शराब ठेकेदारों के 18 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को छापे मारे। सुबह छह बजे ईडी के अफसरों की टीम ने एक साथ गई। उनके साथ सीआरपीएफ के जवान भी थे। घोटालेे से जुड़े दस्तावेज के अलावा बैंक खातों की भी जांच की गई।  

इंदौर में बसंत विहार, महालक्ष्मी नगर, तुलसी नगर में अफसरों और शराब ठेकदारों के मकानों पर छापे मारे गए है। अफसरों की मिलीभगत से ठेकदार फर्जी चालान भरते थे और राशि को खजाने में जमा दिखाया जाता था। यह घोटाला 100 करोड़ का है। वर्ष 2018 में यह घोटाला सामने आया था। तब छह अधिकारी व कर्मचारी निलंबित हुए थे और 14 ठेकेदारों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किए गए थे। इंदौर में राकेश जायसवाल ग्रुप, योगेंद्र जायसवाल, अविनाश और विजय श्रीवास्तव, राहुल चौकसे, गोपाल शिवहरे,सूर्यप्रकाश अरोरा और प्रदीप जायसवाल के घर और दफ्तरों में पहुंचे ईडी के अफसरों ने घोटाले से जुड़े दस्तावेज जांचे और सबूत जुटाए।

वर्ष 2018 में यह घोटाला सामने आया था, लेकिन उससे पहले तीन साल तक धीरे-धीरे सरकार के खजाने में सेंध लगाई जा रही थी। तब इंदौर में सहायक आबकारी आयुक्त संजीव कुमार दुबे थे। जमा चालानों का मिलान नहीं किया गया, इस कारण घोटाला लगातार जारी रहा और 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के चालानों की फर्जी एंट्री दिखाई गई। साल भर पहले ईडी ने इस घोटाले की जांच अपने हाथ में ली थी। इसके बाद अब छापे मारे जा रहे है। 

Post a Comment

Previous Post Next Post