इंदौर के गणेशगंज निवासी रविकांत मिश्रा के बकाया संपत्तिकर के लिए दुकान नगर निगम ने सील कर दी थी। दिल्ली से लौटे मेयर पुष्य मित्र भार्गव एयरपोर्ट से सीधे मिश्रा परिवार के घर पहुंचे। उन्होंने दुकान की सील भी खुलवाई और निगम के अफसरों को नोटिस देने और कुुर्की करने को लेकर नाराजगी भी जताई।

रविकांत मिश्रा का मकान वर्ष 2017 मेें नगर निगम ने सड़क चौड़ीकरण में तोड़ा था। मिश्रा ने जिला कोर्ट के लिए याचिका लगाई थी। कोर्ट ने दो करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा तय किया था, लेकिन निगम अफसरों ने मुआवजे की राशि नहीं दी थी।

चार मार्च को जब नगर निगम के पेश बजट पर चर्चा हो रही थी, तब जिला कोर्ट के अमले ने राशि वसूलने के लिए निगमायुुक्त सहित अन्य अफसरों के वाहन जब्त कर नोटिस चस्पा कर दिया था। निगम ने हाईकोर्ट की शरण ली और स्टे मिल गया। इसके बाद मिश्रा के घर निगम का अमला पहुंचा और आवासीय मकान पर व्यापारिक गतिविधियां संचालित करनेे, बकाया संपत्तिकर का नोटिस देते हुए दुकान सील कर दी थी।

निगम के इस पलटवार की चर्चा रही। इस बीच बुधवार को मेयर पुष्य मित्र ने मिश्रा के घर जाकर कहा कि वे उनके व गणेशगंज रहवासियों के साथ है। आपको बता दे कि गणेशगंज सड़क निर्माण में 200 से ज्यादा बाधक हिस्सों को तोड़ा गया था। रविकांत मिश्रा के मकान का नक्शा मंजूर था और उनकी संपत्ति की रजिस्ट्री भी थी। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण में जमीन लिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई थी।

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