इंदौर में सोमवार को पुलिस और वकीलों के बीच होने वाला संभावित टकराव टल गया। वकील बड़ी संख्या में प्रदर्शन करने नहीं पहुंचे। इस बार पुलिस ने प्रदर्शन के मद्देनजर जिला कोर्ट, रीगल तिराहे पर तगड़ा बंदोबस्त कर रखा था। दंगा नियंत्रक वाहनों के अलावा फायर ब्रिगेड भी तैनात थी। दरअसल सोमवार को जिला कोर्ट में वकीलों ने बैठक  आयोजित की थी। इसमें आगे की रणनीति बनाई गई थी। वकीलों ने पहले कहा था कि वे सोमवार को बड़ा प्रदर्शन करेंगे। बैठक की जानकारी मिलते ही अफसरों ने पुलिस बल तैनात कर दिया। वकीलों के बैठक में तय हुआ कि सिर्फ एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अफसरों से मिलने जाएगा। कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं होगा। इसके बाद पांच वकील पुलिस कमिश्नर से मिले। उनके लौटने के बाद पुलिस बल भी हटा दिया गया। बैठक में तय हुआ कि जो गलत हुआ है, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। हाईकोर्ट के सामने प्रतिबंधित क्षेत्र में चक्काजाम, आम लोगों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आठ थानों का बल था तैनात

सोमवार को रीगल तिराहा, जिला कोर्ट परिसर मेें आठ थानों का पुलिस बल तैनात था। वाटर केनन वाहन भी तैनात कर दिया गया था। पुलिस अफसरों ने निर्देश दिए थे कि सोमवार को यदि प्रदर्शन होता है तो कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ तगड़ा एक्शन लिया जाए। पुलिस को आशंका थी कि जिला कोर्ट में होने वाली बैठक के बाद वकील फिर बड़ी संख्या में प्रदर्शन के लिए आ सकते है, हालांकि इसकी नौबत नहीं आई। वकीलों की तरफ से बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ।

अब तक तीन प्रकरण दर्ज

दो दिन में अब तक वकीलों के खिलाफ तीन प्रकरण दर्ज हुए है, हालांकि अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। परदेशीपुरा में हुए विवाद के मामले को लेकर जिन तीन वकीलों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है। उनके घर जाकर पुलिस नोटिस चस्पा कर आई है, लेकिन वे बयान देने के लिए थाने पर उपस्थित नहीं हो सके।

दिग्विजय सिंह बोले- टीआई के साथ हाथपाई नहीं

इस घटनाक्रम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है। उन्होंने वकीलों का पक्ष लेते हुए कहा कि मैने एक वीडियो देखा। वकीलों ने टीआई के साथ हाथापाई नहीं की थी। टीआई से बोला गया था कि झूठ मत बोलो। यह चेक करना है कि शराब पी है या नहीं। टीआई नशे में वकीलों को समझाने आए थे और ऊंटपटांग शब्द बोलने लगे। तब पता चला कि वे नशे में है।

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