क्राइम ब्रांच ने विजयनगर इलाके में एडवाइजरी कंपनी पर छापामार कार्रवाई की है। यहां एक फ्लैट में यह कंपनी संचालित की जा रही थी। मामले में धार के युवक ने शिकायत की थी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने मौके पर पहुंचकर सेबी द्वारा दिया जाने वाला लाइसेंस मांगा। लाइसेंस नहीं दिखा पाने पर पुलिस सभी को पकड़कर थाने लेकर आ गई।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक होनेस्ट टेक्नालॉजी नाम से चल रही एडवाइजरी कंपनी पर गुरुवार को छापामार कार्रवाई की गई। कंपनी स्कीम नंबर 54 में कृष्णा बिजनेस सेंटर के फ्लैट नंबर 408 में संचालित की जा रही थी। आरोपी zoiper सॉफ्टवेयर के माध्यम से वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर एवं फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर ग्राहकों को ठगने के लिए कॉल करते थे।
छापामार कार्रवाई के दौरान क्राइम ब्रांच को कंपनी के पास कोई वैध रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने 318(4), 316(5),3(5) BNSS के तहत मालिक अमित खंडूजा निवासी परदेशीपुरा उसके पार्टनर राहुल चौधरी निवासी देवास, मैनेजर महिपाल सिंह निवासी देवास और सूरज मालवीय निवासी MR 11 इंदौर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को लेकर बदनावर के आवेदक ऋषभ ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी। जिसमें सेबी से रजिस्टर्ड होने के साथ QR कोड एवं UPI के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट इन्वेस्टमेंट के रूप में दिया। लेकिन बाद में नंबर बंद कर आरोपी से बात करना बंद कर दी।
आरोपियों के पास से 18 मोबाइल , 6 लैपटॉप, 2 सीपीयू, फर्जी सिमकार्ड के माध्यम से प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ कि आरोपी अमित MBA किया हुआ जो पहले प्राइवेट जॉब करता। वहीं उसका दोस्त BE इंजीनियर, मैनेजर महिपाल 12 वीं पास है एवं आरोपी सूरज b.com पास है जो पहले एडवाइजरी कंपनी में जॉब करता था। आरोपियों ने ठगी के लिए करीब 1 हजार लोगो से संपर्क किया था।
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