इंदौर के पास छुपा प्रकृति का खजाना है, 100 साल पुराना पिण्डेश्वर महादेव मंदिर

पिण्डेश्वर महादेव मंदिर सौ साल पुरानी विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का संगम राइड्स ऑफ़ राइडर्स ग्रुप ने नए साल की शुरुआत इंदौर के समीप स्थित पिण्डेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर के की। ग्रुप ऐडमिन ज्ञानदीप श्रीवास्तव ने बताया कि यह मंदिर, खंडवा रोड पर स्थित होने के बावजूद, आम जन के लिए अनछुआ है। खंडवा रोड के निर्माणाधीन होने के कारण यह स्थान अब तक भीड़भाड़ से दूर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। इस राइड में 20 राइडर्स ने हिस्सा लिया और हल्की ठंड के मौसम का आनंद लेते हुए मंदिर तक का सफर किया।

 21 या 51 शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं 

मंदिर प्रांगण के पीछे एक सुरम्य झील है, जो कमल के फूलों से सजी हुई है और इसे मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि सावन के महीने में श्रद्धालु यहां तालाब की मिट्टी से 21 या 51 शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं। यह परंपरा यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यता को दर्शाती है। लगभग सौ साल से भी अधिक पुराना यह मंदिर, खासतौर पर बारिश के मौसम में, अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण और भी मोहक लगने लगता है।

 कैसे पहुंच सकते हैं यहां तक 

इंदौर से खंडवा रोड पर स्थित तेजाजी नगर चौराहे से इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सिमरोल होते हुए भेरू घाट को पार करना पड़ता है। बाईग्राम के पास चोरल नदी पार कर MPPKVVCL बलवारा ऑफिस के पास से दाईं ओर मुड़ें। यहां से मंदिर की दूरी मात्र 3.5 किमी है। कुल मिलाकर, तेजाजी नगर से यह स्थान 37 किमी की दूरी पर है। परिवार के साथ दर्शन के लिए यह बेहद शांत और साफ-सुथरा स्थान है। यहाँ चाय-नाश्ते की दुकानें भी उपलब्ध हैं। मंदिर तक का रास्ता अधिकतर डामर युक्त है, केवल अंतिम 2 किमी का मार्ग कच्चा है, लेकिन वह भी सुगम और सुरक्षित है।

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