जमीन घोटाले से जुड़े मनी लन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को बड़ी राहत को देते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर हेमंत सोरेन को जमानत दी है। कोर्ट ने 13 जून को इस मामले में सुनवाई पूरे होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कई बड़ी बाते कहीं। हाई कोर्ट ने कहा हेमंत सोरेन के जमीन घोटाले से सीधे कनेक्शन के कोई सबूत नहीं है।
इसके अलावा जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय ने ईडी के उस दावे को भी अस्पष्ट बताया जिसमें कहा गया था कि उसकी समय पर कार्रवाई से सोरेन और अन्य आरोपी अवैध रूप से जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए। कोर्ट ने कहा अन्य गवाहों के मुताबिक हेमंत सोरेन पहले ही जमीन हासिल कर चुके थे, ऐसे में ईडी के यह दावा भी साफ नहीं है।
कोर्ट ने आगे कहा, जमीन घोटाले की अवधि के दौरान हेमंत सोरेन सत्ता में नहीं थे। इसके बावजूद कथित अधिग्रहण से पीड़ित किसी भी शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई। कोर्ट ने यह भी कहा कि पीएमएलए, 2002 की धारा 45 की शर्त के तहत यह मानने का कारण है कि याचिकाकर्ता आरोपित अपराध का दोषी नहीं है।
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