चार जून को जारी हुए नीट यूजी-2024 के परिणाम को लेकर लगातार विरोध का दौर जारी है। मध्य प्रदेश में मामले को लेकर हाईकोर्ट में आज का दायर की गई है। वहीं, शनिवार को कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई ने पीएससी के सामने प्रदर्शन कर किया। इस दौरान उन्होंने नीट परीक्षा परिणाम 2024 की जांच सीबीआई से करने की मांग की है। एनएसयूआई ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है। राजधानी भोपाल में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने प्रोटेस्ट करते हुए नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया।

मीडिया से बातचीत के दौरान आशुतोष चौकसे ने परिणामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार से मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला हुआ। यहां पर जो मुन्ना भाई एमबीबीएस फर्जी डॉक्टर बनाने की सरकार की कोशिश थी आज यह घोटाला दिल्ली तक पहुंच गया है। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एक प्राइवेट संस्था है। नरेंद्र मोदी ने प्राइवेट एजेंसियों के हाथों में छात्रों का भविष्य दे दिया है।

भोपाल और जबलपुर की दो छात्राओं ने रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। राजधानी भोपाल की निशिता सोनी ने कहा है कि नीट-यूजी 5 मई को हुआ था। 25 दिन बाद एनटीए ने आंसर-की और रिस्पोंड शीट ईमेल पर भेजी। रिस्पोंड शीट स्टूडेंट द्वारा एग्जाम हॉल में जमा की गई आंसर शीट की स्कैन कॉपी होती है। इसका मिलान जब एनटीए से जारी आंसर-की से किया गया तो 617 नंबर मिले। इससे कन्फर्म हो गया था कि नीट से इस साल सरकारी अथवा प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग से एमबीबीएस सीट अलॉट हो जाएगी।

नीट परीक्षा के रिजल्ट को लेकर छात्र लगातार आरोप लगा रहे हैं कि परिणाम में कुछ गड़बड़झाला हुआ है। दरअसल परीक्षा परिणाम में एक साथ 67 विद्यार्थियों के 720 में से 720 नंबर आने पर मामला संदिग्ध हो गया है। अब तक कई विद्यार्थियों और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले शिक्षकों ने इसका सही परिणाम जारी करने की मांग उठाई है। साथ ही अब कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी इस परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया हैं और सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं मध्य प्रदेश की दो छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

Post a Comment

Previous Post Next Post