इंदौर सात बार से स्वच्छता में नंबर वन है,लेकिन इस बार नगर निगम के अफसर और अमला सफाई को लेकर आलसी हो चुका है। आलम ये है कि विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को सफाई की तरफ अफसरों का ध्यान दिलाना पड़ा। इसके बाद जागे अफसरों ने कृष्णपुरा क्षेत्र में कान्ह नदी में पोकलेन उतारी और गाद व कचरा निकालाना शुरू किया,जबकि अफसरों की जिम्मेदारी बनती है कि बारिश से पहले वे खुद नालों की सफाई करे,ताकि शहर मेें जलजमाव की स्थिति न बने। शहर में 30 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले है। जिनकी ठीक से सफाई नहीं हो पाई है। नगर निगम ने कान्ह नदी के आसपास छह ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए है। इसके बावजूद नदी में सीवरेज का पानी बहता नजर आता है।
विजयवर्गीय ने पूछा था-सफाई का कार्यक्रम नहीं बना क्या
पर्यावरण दिवस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कान्ह नदी के घाट किनारे पौथे लगाने गए थे। उन्होंने देखा कि नदी के दोनों तरफ गाद और कचरा जमा है। विजयवर्गीय ने तत्काल निगमायुक्त शिवम वर्मा को फोन लगाया और पूछा कि क्या इंदौर में बारिश से पहले नालों की सफाई का कार्यक्रम नहीं बना है। नदी को जल्दी साफ करवाईए, नहीं तो फिर निचली बस्तियों में पानी भरेगा। मंत्री के निर्देश की याद अफसरों को दूसरे दिन आई और प्रेमसुख टाॅकिज के ब्रिज के नीचे पोकलेन उतारी गई, जो कृष्णपुरा ब्रिज तक नाले की सफाई करेगी।
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