इंदौर में भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने अतिक्रमण हटाने गई निगम की टीम को मौके से लौटा दिया। यह कार्रवाई मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा एक में होने वाली थी। बताया जा रहा है कि जिस कालोनी पर उषा ठाकुर ने कार्रवाई रोकी है उसमें उनका भाई भी पार्टनर है। उषा ठाकुर ने मौके पर भड़कते हुए कार्रवाई रुकवा दी और कहा कि हम इस विषय में मुख्यमंत्री मोहन यादव से बात करेंगे। जब लोग कई साल से टैक्स भर रहे हैं तो कैसे उनका घर तोड़ा जा सकता है। 

अब इस मामले पर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है। निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है। घटना की जिम्मेदारी इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव को लेना चाहिए और उन्हें शहर की जनता को बताना चाहिए की निगम ने वापस लौटने का फैसला क्यों लिया। 

क्या है मामला

एरोड्रम थाना क्षेत्र की मारवाड़ी अग्रवाल कॉलोनी में नगर निगम की टीम शनिवार सुबह अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर पहुंची। कार्रवाई शुरू होते ही रहवासियों ने पूर्व मंत्री और विधायक उषा ठाकुर को इसकी जानकारी दे दी। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि इसके बाद उषा ठाकुर ने कार्रवाई रुकवा दी और टीम को मौके से वापस लौटना पड़ा। 

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