आगरा | ‘तू दीदी के साथ कैसे मुझे छोड़कर चला गया था बेटा’, ‘मेरे जिगर के टुकड़े तू आ गया’ कुछ यही बोल थे आगरा की उस मां के जिसके बेटा और बेटी 13 साल पहले बिछड़ गए थे और अब जाकर मिले. आज जब नीतू ने अपने बेटे और बेटी को गले लगाया तो उनकी आंखों से आंसुओं की झड़ी लग गई. नीतू फफक-फफककर रोने लगी. पिछले 13 साल से झोले में बच्चों की फोटो और तहरीर की फोटो कॉपी लेकर घूमने वाली नीतू की खुशी का कोई पार नहीं है. बच्चों के आते ही नीतू ने बेटा और बेटी की आरती उतारी और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया. आसपास के लोगों को भी मिठाई खिलाई. नीतू ने चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस को अपना भगवान बताया.
शाहगंज की नीतू की शादी बेलदार से हुई थी. शादी के बाद दो बच्चे हुए लेकिन पति छोड़कर चला गया. नीतू की दोबारा शादी हुई. दूसरा पति भी मजदूरी करता था. 2010 में वह अपने पति के लिए घर खाना लेने आई तो 9 साल की बेटी राखी घर में बैठी थी. घर बिखरा हुआ था. नीतू ने गुस्से में उसे एक चिमटा मार दिया, जिसके बाद राखी अपनी मां से नाराज होकर 6 साल के भाई बबलू को लेकर घर से निकल गई. दोनों आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रेन से मेरठ आ गए, जहां पर उन्हें जीआरपी मेरठ ने पकड़ लिया. उन्हें बिलासपुर का बताकर मेरठ चाइल्ड लाइन के सदस्यों को सौंप दिया, जहां से बाल कल्याण समिति के आदेश पर 18 जून 2010 को सुभारती करण आश्रम में भेज दिया.
दो हफ्ते पहले चाईल्ड राईट एक्टिविस्ट नरेश पारस से बेंगलुरु के एक युवक ने संपर्क किया. बताया कि उसकी बहन गुड़गांव में है. वह दोनों आगरा के रहने वाले हैं. 13 साल पहले घर से निकले थे और अब पता याद नहीं है. परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन परिवार के पास जाना चाहते हैं. युवती ने अपनी मां की गर्दन पर जले का निशान बताया. माता-पिता का नाम उन्हें पक्के तौर पर याद नहीं था. इसके बाद नरेश पारस ने मेरठ में संपर्क किया. वहां से जानकारी ली तो रिकॉर्ड में दोनों का पता बिलासपुर मिला.
‘तू दीदी के साथ क्यों चला गया था, मेरे जिगर के टुकड़े’
मध्य प्रदेश के बिलासपुर में जानकारी की लेकिन वहां कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. बबलू और राखी से बात की तो उन्होंने कुछ पुरानी बातें बताएं. आगरा कैंट से चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस नीतू के बेटे बबलू को लेकर घर पहुंचे. मां को पहले से ही जानकारी दे दी थी, इसलिए वह पूजा की थाली लेकर अपने बेटे और बेटी का इंतजार कर रही थी. जैसे ही दोनों घर पर आए मां उनसे लिपटकर रोने लगी और कहने लगी कि ‘तू दीदी के साथ क्यों चला गया था, मेरे जिगर के टुकड़े मेरे गले से लग जा’.
बबलू और राखी की मां नीतू का कहना है कि नरेश पारस हमारे लिए भगवान की तरह है. नरेश पारस ने मेरे बच्चों को मुझे मिला दिया है. मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि जैसा समय मैंने देखा किसी के परिवार में ऐसी मुश्किल ना आए.
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