13 दिसंबर के दिन संसद भवन के अंदर और बाहर उपद्रवियों ने बवाल मचाया। चार आरोपी धुआं उड़ा कर नारेबाजी करने लगे। वहीं ललित झा नाम का एक शख्स आरोपियों का वीडियो शूट कर रहा था। ललित को इस कांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस घटना के तुरंत बाद ललित फरार हो गया। वो राजस्थान भाग गया। वो चारों आरोपियों के मोबाइल लेकर भाग गया था। गुरुवार रात को उसने सरेंडर कर दिया लेकिन सरेंडर से पहले उसने चारों आरोपियों के फोन जला दिए। ऐसे में शनिवार को दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने एक और खुलासा किया है। ललित ने सरेंडर से पहले सिर्फ चार नहीं बल्कि एक और फोन जलाया था। पुलिस नष्ट हुए मोबाइल तक पहुंचना चाहती है। क्या राख हो गए सबूत से संसद कांड का सच सामने आ सकेगा? 

5 फोन जलाए

दिल्ली पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि सरेंडर करने के लिए दिल्ली आने से पहले ललित ने कुल पांच मोबाइल नष्ट किए थे। पूछताछ में उसने बताया है कि उसने पहले चारों आरोपियों (सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल) के फोन जलाए फिर अपना मोबाइल भी नष्ट कर दिया।

सेल्युलर कंपनी को लिखा गया लेटर

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, ललित झा बार-बार जांच टीम को गुमराह कर रहा है। ऐसे में जांच टीम ने सेल्युलर कंपनी को लेटर लिखा है। पत्र में ललित झा और बाकी चार आरोपियों के मोबाइल के बारे में जानकारी मांगी गई है। दिल्ली पुलिस सूत्रों ने कहा कि ललित और अन्य आरोपी पुलिस को जो कुछ भी बता रहे हैं, स्पेशल सेल की टीम उसकी पुष्टि करने के लिए जमीन पर जा रही है।

राख हुए सबूत में संसद कांड का सच?

संसद में उपद्रव मचाने के बाद ललित झा राजस्थान चला गया। सभी आरोपियों ने अपने-अपने फोन उसे दे दिए थे। शनिवार को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नष्ट हुए फोन तक पहुंचना बहुत जरूरी है। कोर्ट ने ललित को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दरअसल, सभी आरोपी एक-दूसरे से काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं। उनकी दोस्ती भी सोशल मीडिया पर ही हुई थी। ऐसे में अगर पुलिस उनके फोन तक पहुंच जाती है तो इस केस से जुड़े कई खुलासे हो सकते हैं। हालांकि पुलिस ने सेल्युलर कंपनी से जानकारी मांगी है। पुलिस ललित झा को उस जगह भी ले जा सकती है जहां वो सभी फोन को नष्ट करने का दावा कर रहा है। 


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