डिंडौरी। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने नर्मदा नदी के प्रदूषण से संबंधित एक मामले सख्ती दिखाई। नदी में हो रहे लगातार प्रदूषण को लेकर डिंडौरी जिला कलेक्टर, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अन्य संबंधित प्राधिकारियों को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।
कुछ समय पहले
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद की पीठ ने अपने एक आदेश में
कहा, था कि "यह विवादित नहीं है कि लगातार नगरपालिका सीवेज को नर्मदा नदी में
छोड़ा जा रहा है जिससे प्रदूषण हो रहा है।" पीठ ने कहा था कि उल्लंघनकर्ताओं ने
जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम के प्रावधान के तहत भी अपराध किया है।
"जिम्मेदार अधिकारियों के
खिलाफ मुकदमा चलाने सहित मामले में कोई भी सख्त कार्रवाई करने से पहले, हम सभी संबंधित
पक्षों को एक मौका देना उचित समझते हैं।'' इस कारण हम उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी विकास
प्राधिकरण (एनवीडीए), भोपाल के मुख्य नगर अधिकारी और डिंडौरी कलेक्टर को चार अक्टूबर को इस न्यायाधिकरण के सामने पेश
होने का निर्देश देते हैं।" इस दौरान डिंडोरी जिले में नर्मदा में प्रवेश करने
वाले सीवेज के खिलाफ वकील मनन अग्रवाल और सम्यक जैन दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
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