जबलपुर। एसटी-एससी को शादी का झांसा देकर युवक अपने साथ ले गया और ढाई साल तक दुराचार करता रहा। बच्ची के पैदा होने पर उसे छोड़ दिया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के बाद आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। इसके खिलाफ राज्य शासन की तरफ से हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बता दें कि सरकार की तरफ से दायर अपील में कहा गया था कि आरोपी मौसम उर्फ दिग्विजय सिंह चौहान ने एसटी-एससी वर्ग की एक युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाया था। शादी को प्रलोभन देकर उसे 4 अप्रैल 2018 को अपने साथ ले गया था। इस दौरान उसने युवती को झांसी, भोपाल तथा इंदौर में रखा और उसकी इच्छा के विरुद्ध जान से मारने की धमकी देते हुए दुराचार किया। युवती ने सितंबर 2020 में बच्ची को जन्म दिया था। युवक पर उसके मां-बाप बच्ची को जान से मारने के लिए फोन करते थे। बच्ची पैदा होने के कुछ माह बाद ही युवक ने इंदौर स्थित घर से दोनों को निकाल दिया। युवती ने टीकमगढ़ वापस लौटकर बम्होनीकला थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने अपहरण, बलात्कार सहित अन्य धाराओं के तहत खिलाफ प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया था। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ उक्त अपील दायर की गई है। अपील की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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