भोपाल। लक्ष्मी गल्ला मंडी के पीछे स्थित जोगीपुरा में शुक्रवार शाम तीन मंजिला इमारत झुकने से आस पड़ोस में हड़कंप मच गया। रहवासियों की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे नगर निगम अधिकारियों व पुलिसकर्मियों ने इस इमारत में रह रहे चार परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके साथ ही एहतियात के तौर पर आसपास के दो दर्जन से अधिक मकानों को भी खाली करा लिया गया। शनिवार सुबह नगर निगम का अमला कार्रवाई करने पहुंचा। दोपहर करीब 12 बजे नगर निगम के अतिक्रमण अमले ने इमारत को गिराने की कार्रवाई शुरू की। इससे पहले इमारत से लोगों का सामान बाहर निकाला गया।

जानकारी के अनुसार इस इमारत के निर्माण को लेकर भवन अनुज्ञा शाखा से अनुमति नहीं ली गई है। वहीं बिना पिलर व कालम के सहारे से दो मंजिला इमारत तान दी गई है। नगर निगम के जोन क्रमांक 10 में पदस्थ सहायक यंत्री आदित्य खरे ने बताया कि इस इमारत के निर्माण में लापरवाही बरती गई। इसके भूतल का निर्माण बीते 40 वर्ष पहले किया गया था, लेकिन इसमें कालम व पिलर का इस्तेमाल नहीं किया गया। जबकि इसके ऊपर हाल में ही दो मंजिला और बना दी गई है। जिससे इसकी नींव पर क्षमता से अधिक दबाव पड़ रहा था। वर्षा की वजह से जमीन व दीवारें गीली होने से इसकी नींव एक फीट नीचे धंस गई। इससे इमारत का अगला हिस्सा नीचे की ओर झुक गया और यह बगल की एक अन्य इमारत पर जाकर टिक गई। हादसे की आशंका को देखते हुए आसपास 50 मीटर के दायरे में स्थित मकानों को भी खाली करा लिया गया।

दीवार में छह इंच की दरारें, एक फीट धंसी नींव

यह मकान हारुन सिद्दीकी नाम के व्यक्ति का है। अब उनकी मृत्यु हो चुकी है। जबकि उनके परिवार वाले कहीं अन्य स्थान पर रहते हैं। इस इमारत में चार परिवार किराए पर रहते थे। प्रत्यक्षर्शियों के अनुसार भवन की दीवारों में छह इंच की दरारें पड़ गई थीं। जिससे यह दो हिस्सों में बंट गया है। वहीं नींव भी एक फीट नीचे जमीन में धंस गई।

 

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