इंदौर। रेसीडेंसी कोठी से चिडि़याघर को रालामंडल मेें शिफ्ट करने के लिए शहर का एक धड़ा सक्रिय लंबे समय से सक्रिय है। लगातार विरोध के कारण चिडि़याघर शिफ्ट नहीं हो पाया, लेकिन अब एक महिला ग्रुप के सहारे फिर इसका माहौल बनाने की तैयारी की जा रही है।

वन मंत्री विजय शाह ने भी चिडि़याघर को शिफ्ट करने में रुचि दिखाई थी। पिछले साल इसे लेकर एक बैठक भी हुई थी, लेकिन नगर निगम की आपत्ति के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब एक महिला ग्रुप ने इसके लिए मुहिम छेड़ी है।

शहर मेें एडब्लूआई भारत एडवेंचर वूमेन ग्रुप ने रविवार सुबह छह बजेे वाहन रैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली के जरिए चिडि़याघर को रालामंडल में शिफ्ट करने की मांग रखी जा रही है। रैली का उद्देश्य भी यही बताया गया है। रैली की शुरूआत रीगल तिराहा से होगी, जो चिडि़याघर से होते हुए रालामंडल पर समाप्त होगी। इस ग्रुप की डायरेक्टर शैलजा तिवारी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। इस रैली को ट्रैफिक डीसीपी मनीष अग्रवाल हरी झंडी दिखाएंगे।

बेशकीमती जमीन है चिडि़याघर की

शहर के पाश इलाके रेसीडेंसी में 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में चिडि़याघर बना है। इसके तीनों तरफ मार्ग है और जमीन का मूल्य करोड़ों रुपये है। शहर में होने के कारण यहां दर्शकों की भीड़ ज्यादा रहती है। रेसीडेंसी से चिडि़याघर को शिफ्ट कर उसकी जमीन पर दूसरा प्रोजेक्ट लाने की कवायद भी चल रही है, लेकिन विरोध के कारण सरकार के स्तर पर कुछ नहीं हो पाया तो अब सामाजिक संगठनों का सहारा लिया जा रहा है।

2035 के मास्टर प्लान के हिसाब से हुए काम

चिडि़याघर के लिए 2035 का मास्टर प्लान बनाया गया। सालभर में चिडि़याघर में सांपघर, बर्ड पार्क व अन्य काम हुए। शेरों के खुले पिंजरे भी बनाए गए। हर साल चिडि़याघर के रखरखाव पर निगम 5 करोड़ रुपये खर्च करता है। निगम खुद चिडि़याघर दूसरी जगह शिफ्ट नहीं होने देना चाहता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post