हैकिंग दुनियाभर में एक गंभीर समस्या है। अक्सर ही हैकर्स दूसरों के डाटा को निशाना बनाते हुए हैकिंग को अंजाम देते हैं। कई बार तो हैकर्स दूसरे देश के लोगों को भी निशाना बनाते हैं। ऐसा ही कुछ चीन के हैकर्स भी करते हैं। चीन के हैकर्स समय-समय पर दूसरे देशों के डाटा को चुराने या उनके अलग-अलग सिस्टम में खराबी लाने के लिए हैकिंग को अंजाम देते है। चीन के हैकर्स के निशाने पर ज़्यादातर अमरीका या भारत ही होते हैं। समय-समय पर चीन के हैकर्स दोनों देशों के डाटा और अलग-अलग सिस्टम को निशाना बनाने के लिए हैकिंग करते हैं। हालांकि उन्हें हर बार कामयाबी नहीं मिलती। एक बार फिर चाइनीज़ हैकर्स के निशाने पर अमरीका है। और टारगेट बनाया गया है अमरीकी राजदूत को।
अमरीकी राजदूत
निकोलस बर्न्स के ईमेल में लगाई सेंध
इस बार चाइनीज़
हैकर्स ने निकोलस बर्न्स के ईमेल में सेंध लगाई है। निकोलस चीन के लिए अमरीकी राजदूत
है। चाइनीज़ हैकर्स ने निकोलस के ईमेल में सेंध लगाते हुए जासूसी के लिहाज से डाटा निकालने
की कोशिश की है।
जांच में जुटा अमरीकी विदेश मंत्रालय
इस पूरे मामले में अमरीकी विदेश मंत्रालय जांच में जुट गया है। जासूसी के एंगल को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। हालांकि जब अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से इस बारे में मीडिया ने सवाल पूछा, तो उसने किसी भी तरह का बयान देने से मना कर दिया।
चीन ने सिरे से नकारा हैकिंग के आरोप को
अमरीकी राजदूत निकोलस बर्न्स के ईमेल में सेंध लगाने के इस आरोप पर चीन की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन ने हैकिंग के इस आरोप को सिरे से नकार दिया है।
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