जबलपुर। जबलपुर के भेड़ाघाट से एक ऐसा मामला सामने आया। जहां मां-बाप दोनों के कन्फ्यूजन के कारण उनका 4 साल का मासूम बेटा गुम हो गया। पिता को इस बात को लेकर कन्फ्यूजन था कि 4 साल का बेटा मां के साथ कार में बैठा है। वहीं मां को लगा कि बेटा अपने पापा के साथ हैं।
हैंरानी की
बात यह थी कि भेड़ाघाट घूमने के बाद दोनों ने बकायदा शॉपिंग भी की थी। लेकिन अपने बेटे
का होश दोनों को नहीं आया। जब दोनों रिश्तेदार के यहां कार से पहुंचे। तब जाकर उन्होंने
अपना बेटा साथ में नहीं देखा। तब वह घबरा गए। हालांकि 5 घंटे के बाद माता-पिता को अपने
बेटे की सुध आई। जिसके बाद उन्होंने तत्काल ही भेड़ाघाट पुलिस के संपर्क में आए। जिसके
बाद उनका बेटा सही सलामत पुलिस ने लौटा दिया।
भेड़ाघाट के
प्रधान आरक्षक हरिओम वैश्य के मुताबिक बालाघाट निवासी निशांत कुमार गुरूवार दोपहर
1 बजे करीब अपने परिवार के साथ दो अलग-अलग कारों से भेड़ाघाट के धुआंधार घूमने आए थे।
इस दौरान सभी ने मिलकर रोप-वे का भी आनंद लिया। इस दौरान दोनों के साथ 4 वर्षीय मासूम
चानू ने भी रोपवे का आनंद उठाया। जिसके बाद सभी अपनी-अपनी कारों के पास पहुंचे। जहां
से वह शॉपिंग करने गंजीपुरा के लिए रवाना हुए।
हालांकि इसी
दरमियान दंपतियों ने 4 वर्षीय मासूम बेटा चानू को भेड़ाघाट में ही छोड़ गए। लेकिन मां-बाप
को इस बात की जरा सी भी भनक नहीं थी कि उनका बेटा वहीं छूट गया हैं। मां को लगा पिता
के पास चानू है जबकि पिता को लगा मां के पास चानू है। जिसके कारण दोनों ही कन्फ्यूजन
में रह गए और उनका बेटा खो गया।
आरक्षक हरिओम 5 घंटे तक मासूम को लेकर घूमते रहे
मासूम चानू अपने मां-बाप से बिछड़ने के बाद रोता बिलखता हुआ धुआंधार में घूम रहा था। इसी दौरान आरक्षक हरिओम वैश्य की नजर चानू पर पड़ी। जिसके बाद मासूम चानू को उसके मां-बाप से मिलाने के लिए 5 घंटे तक उनके मां-बाप की तलाश करते रहे। हालांकि रात सवा 9 बजे करीब जब प्रधान आरक्षक के पास उनके मां-बाप का कॉल आया। तब जाकर हरिओम ने भी राहत की सांस ली।
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