खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में आने वाले टांडा बरुड़ क्षेत्र के बिलखेड़ा में करीब 50 मजूदरों से भरा एक पिकअप वाहन तेज रफ्तार के चलते अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे के तुरंत बाद घायलों को खरगोन के जिला अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टरों ने उनका उपचार शुरू किया। यहां अस्पताल में भी अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला। मरीजों के लिए पर्याप्त पलंग नहीं होने के चलते उन्हें जमीन पर ही बिस्तर डालकर लेटा दिया गया। अस्पताल आए लगभग 32 में से 22 का इलाज जारी है। घटना में गंभीर घायल छह मरीजों को इंदौर रैफर किया गया है। साथ ही 10 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद भेज दिया गया।
मिर्ची तोड़ने
जा रहे थे सभी मजदुर
खरगोन के टांडा
बरुड़ व सिनखेड़ा के बीच बिलखेड़ा में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। इसमें मजदूरों
से भरे एक पिकअप वाहन के ड्रायवर ने तेज रफ़्तार के चलते गाडी पर से अपना नियंत्रण खो
दिया। घटना के समय वाहन में लगभग 50 मजदूर सवार थे। इनमें 11 नाबालिग भी हैं। ये सभी
मिर्ची तोड़ने का काम करते हैं जो कि डोंगर चीचली से पिकअप वाहन क्रमांक एमपी15 जी
3111 में बैठकर खरगोन रोड पर बरुड़ के किसान के खेत में मिर्ची तोड़ने जा रहे थे। रास्ते
में बिलखेड़ा में वाहन की रफ्तार अधिक होने और ज्यादा सवारी होने के चलते वाहन अनियंत्रित
होकर पलट गया।
22 गंभीर घायलों
का इलाज जारी
दुर्घटना के
बाद घायल हुए 32 मरीजों को खरगोन के जिला अस्पताल उपचार के लिए लाया गया। इसमें से
10 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद वापस भेजा गया। 22 लोगों को सिर, पैर, हाथ व पेट
में गंभीर चोट आने के चलते उनका जिला अस्पताल में इलाज जारी है। घायलों में से गंभीर
घायल कुल छह लोगों को गंभीर चोटें आने के चलते उन्हें इंदौर के अस्पताल में रेफर किया
गया है। घायल मरीजों ने बताया कि वाहन से मिर्ची तोड़ने के लिए उन्हें लाया जा रहा
था। वाहन में क्षमता से अधिक मजदूर सवार थे। दुर्घटनाग्रस्त हुए पिकअप वाहन का चालक
गाड़ी भी बहुत तेजी से चला रहा था। जिसके चलते यह हादसा हुआ है। घटना के बाद वाहन का
चालक मौके से फरार हो गया।
इमरजेंसी के लिए पलंग तक नहीं
जिला अस्पताल में इमरजेंसी या दुर्घटना के लिए सिर्फ 10 पलंग ही रिजर्व है। सोमवार को हुई दुर्घटना में मरीज ज्यादा होने के कारण मरीजों को उपचार के लिए पलंग नहीं मिल सके। सिविल सर्जन एएस चौहान ने बताया कि हम ट्रॉमा सेंटर को पलंग सहित अन्य संसाधन देने को तैयार है। ट्रॉमा सेंटर में जगह नहीं होने के कारण पलंग नहीं लगा सकते हैं। उसकी बनावट सही नहीं है। इससे उसमें ज्यादा पलंग नहीं लगाए गए हैं।
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