जबलपुर। जबलपुर केंट बोर्ड में पूर्व की कार्यकारिणी की समयावधि पूर्ण होने व उसके बाद हाल ही में चुनावी नोटिफिकेशन निरस्त किये जाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा है कि आखिर केंट बोर्ड के चुनाव क्यों नहीं कराये जा रहे हैं। इस संबंध में युगलपीठ ने एएसजी को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं कि वह बताये कि चुनाव कब होंगे, हालांकि विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है।
यह जनहित याचिका केंट बोर्ड जबलपुर
के निर्वतमान पार्षद अमरचंद्र बाबरिया की ओर से दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि
केंट बोर्ड के पदाधिकारियों का कार्यकाल पूर्ण हुए एक अरसा बीत गया, इसके बावजूद भी
नये चुनाव नहीं कराये गये। इतना ही नहीं आवेदक की ओर से कहा गया कि केंट बोर्ड के संविधान
की धारा-13 में हुए बदलाव के बावजूद भी 17 महीने बीत जाने के बाद भी किसी सिविल मेम्बर
को नियुक्त नहीं किया गया है। मामले में सचिव डिफेंस मंत्रालय, डीजी डिफेंस व प्रिंसिपल
डायरेक्टर डिफेंस स्टेट को पक्षकार बनाया गया है। मामले में आगे हुई सुनवाई के दौरान
आवेदक की ओर से एक आवेदन पेश कर कहा गया कि हाल ही में जारी चुनाव संबंधी नोटिफिकेशन
को 17 मार्च को निरस्त कर दिया, जबकि ऐसा प्रावधान नहीं है। लंबा अरसा बीत जाने के
बावजूद भी नये चुनाव न कराया जाना अवैधानिक है। जिसे गंभीरता से लेते हुए न्यायालय
ने अनावेदकों से पूछा है कि वह बताये कि चुनाव कब कराये जायेंगे, इसके लिये न्यायालय
ने दो सप्ताह की मोहलत दी है।
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