उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च 2023 को गुड़ी पड़वा पर ध्वज चढ़ेगा। पुजारी कोटितीर्थ कुंड पर सूर्य को अर्घ्य देकर नवसंवत्सर का स्वागत करेंगे। इसके बाद पंचांग का पूजन किया जाएगा।

पं. महेश पुजारी ने बताया पृथ्वी के नाभि केंद्र पर स्थित भगवान महाकाल के आंगन में हिंदू नववर्ष का स्वागत धर्म परंपरा के अनुसार होगा। मंदिर के शिखर पर नया ध्वज लगाया जाएगा। ब्रह्म मुहूर्त में पुजारी कोटितीर्थ कुंड के तट पर खड़े होकर सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य देंगे। इसके बाद मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर और नए साल के पंचाग का पूजन होगा। पं. महेश पुजारी ने बताया की महाकाल मंदिर में ग्वालियर के पंचांग अनुसार त्यौहार मनाए जाते हैं। इसी पंचांग का साल के पहले दिन पूजन होगा। उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित विक्रम संवत का यह 2080वां वर्ष है। इस संवत्सर का नाम पिंगल संवत्सर रहेगा।

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