शिवपुरी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बाघ और एक बाघिन को माधव राष्ट्रीय उद्यान के बलारपुर रेंज में बने बाड़ों में छोड़ा। 27 साल बाद माधव राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर बाघ की दहाड़ सुनाई दी। बाघ को स्लाइडिंग गेट का पहिया घुमाकर बाड़े के अंदर रिलीज किया गया है। शिवपुरी
पार्क के अधिकारियों के अनुसार, उन्हें थोड़ी ही
देर में भैंस का मांस भी भोजन के रूप में दिया गया। इस दौरान वन मंत्री विजय शाह,
खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया भी वहां
मौजूद रहे। बाघ-बाघिन को रिलीज करने के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाघ
मित्रों के साथ संवाद भी किया। इसके बाद सभी एयर स्टि्रप के लिए रवाना हो गए। यहां
से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया अन्य मंत्रियों के साथ
दो बत्ती पर माधवराव सिंधिया को पुष्प अर्पित करने के बाद रोड शो करते हुए पोलो
ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे।
पांच दिन बाद शुरू होगी असल चुनौती
राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के अनुसार,
बाघ-बाघिन को करीब 15 दिनों तक चार हेक्टेयर में बने इन तीन बाड़ों में रखा जाएगा।
यदि सब कुछ ठीक रहा तो 15 दिन में बाड़े के गेट खोलकर इसी क्षेत्र में इन्हें छोड़
दिया जाएगा। यहीं से पार्क प्रबंधन की असल चुनौती शुरू होगी। बाड़े महज चार
हेक्टेयर के क्षेत्र में निगरानी के लिए छह मचान बने हैं और कैमरा भी मौजूद
रहेंगे। यहां छोटे क्षेत्र में निगरानी रखना आसान होगा, लेकिन 15 दिन बाद जब बाघों
को स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा, तब इनकी निगरानी चुनौती होगी। रेडियो
कालर के जरिए मिलने वाले सिग्नल निगरानी रखने के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल होंगे।
इसके बाद करीब एक से दो महीने इंतजार करना होगा कि बाघ-बाघिन अपनी टेरेटरी कहां पर
बनाते हैं।
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