उज्जैन। शिप्रा नदी के दूसरे छोर अर्थात बडनगर रोड वाले बड़े पुल के समीप मां कामाख्या का अद्भुत मंदिर है। यह मंदिर रणजीत हनुमान मंदिर के ठीक सामने स्थित है। जो कि अतिप्राचीन है। जहाँ आसाम की चमत्कारी मां कामाख्या देवी की प्रतिमा मौजूद है। नवरात्रि में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। मंदिर की विशेषता कहें या चमत्कार की यहां भी रजस्वला होने पर माता का मंदिर महीने में पांच दिनों के लिए बंद रखा जाता है। इस दौरान किसी को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती।

बताया जाता है कि मंदिर में माता की स्वयं भू प्रतिमा है जो कि खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी। माता की दुर्लभ प्रतिमा जिस तरह आसाम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर स्थापित है, उसी तर्ज पर उज्जैन में भी पतित पावनी मां शिप्रा के किनारे पर विराजित है। मां कामाख्या देवी की प्रतिमा इतनी दिव्य है कि इनके दर्शन से ही सभी संकटों का नाश हो जाता है। मंदिर में माता पार्वती की अद्भुत प्रतिमा मौजूद है। वे अपनी गोद में बाल स्वरूप भगवान गणेश को बैठाए हुए दिखाई देती हैं। साथ ही यहां शिवलिंग और नंदी की प्रतिमाओं के दर्शन भी होते हैं। साथ ही मां कालका की प्रतिमा भी यहां स्थापित है।

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