उज्जैन। नगर निगम उज्जैन द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के तहत लगभग तीन करोड़ से अधिक के टेंडर किए गए। लेकिन अधिकतर कार्य समाजसेवी संस्था और नगर निगम के कर्मचारी अधिकारियों के माध्यम से करवाया जा रहा है। एक अनोखे आदेश ने नगर निगम के आदेश की पोल खोल दी। शहर की लगभग 300 आंगनवाड़ी और सहायिकाओं को ठेकेदार द्वारा दिए जा रहे दीपकों की धुलाई का कार्य सौंपा गया।

दीपक धोने का काम मजदूरों से कराया जा सकता था। नगर निगम में मजदूरों की कमी नहीं है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एक शिक्षिका की तरह देखा जाता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के समान छोटे-छोटे बच्चों को शिक्षित करती है, लेकिन इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दीपक धोने जैसे कार्य में लगाया गया है और लगभग तीन दिवस तक उनसे दीपक धुलाये जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि इस कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाना उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। उन्होंने कहा कि दीपक धुलाने का कार्य संबंधित ठेकेदारों का होना चाहिए और जिस कार्य के लिए तीन करोड़ से अधिक की राशि व्यय की जा रही है, उस राशि से समस्त कार्य कराया जाना चाहिए। लेकिन निगम के अधिकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाकर उनसे दीपक धुलाने का कार्य करा रहे और किसी भी स्थिति में यह कार्य कर्मचारियों के साथ एक अन्याय की तरह उनसे सम्मानजनक कार्य कराया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश, जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन, एवं सामाजिक पंचायत विभाग को इस संबंध में मैं निर्णय करना चाहिए।

Post a Comment

Previous Post Next Post