छतरपुर। मध्यप्रदेश में 3 साल की एक बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई। 3 घंटे 40 मिनट तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। एक ओर 5 JCB मशीनों से बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा था, दूसरी ओर बोरवेल में रस्सी डालकर भी उसे निकालने की कोशिश की जा रही थी। आखिरकार ये कोशिश रंग लाई। बच्ची ने फंदा बनाकर डाली गई रस्सी को पकड़ लिया तो उसे धीरे-धीरे ऊपर खींचकर निकाल लिया गया।

मासूम नैंसी बोरवेल के गड्ढे में करीब 35 फीट की गहराई में फंसी थी। मामला छतरपुर के बिजावर थाना क्षेत्र के ललगुवां गांव का है। बच्ची रविवार शाम करीब 4.50 बजे बोरवेल में गिर गई थी। रात करीब 9.15 बजे उसे रेस्क्यू कर लिया गया।

एसडीओपी रघु केसरी ने बताया, 5.30 बजे सूचना मिली। 6 बजे तक एसपी और कलेक्टर भी मौके पर पहुंच गए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन 3 घंटे 40 मिनट तक चला। बोर 100 फीट गहरा था। इसे भर दिया गया था, लेकिन बारिश में भराव की मिट्‌टी नीचे चली गई थी। बच्ची 35 फीट पर फंसी थी। बोरवेल के साइड में गड्‌ढा खोदने का काम और बच्ची को रस्सी से रेस्क्यू करने का काम साथ में किया जा रहा था। दो रस्सियों में अलग-अलग फंदे लगाकर बच्ची को दिए गए। बच्ची ने इन्हें हाथ में डाल लिया और हम उसे रेस्क्यू करने में कामयाब रहे। रेस्क्यू के दौरान बच्ची के पिता उससे बात करते हुए उसे समझाते रहे।

खेत में काम कर रहे थे परिजन

गांव के लटोरिया परिवार के खेत में रवि विश्वकर्मा अपनी पत्नी रोहिणी व अन्य मजदूरों के साथ मटर बीनने का काम कर रहे थे। पास ही उनकी बेटी खेल रही थी। वहां एक बोर है, जो चारे से ढंका हुआ था। नैंसी रेत के ढेर पर खेलते-खेलते बोर में गिर गई। उसे गिरता देख पास काम कर रहे परिजन और मजदूर दौड़े।

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