उज्जैन। महाशिवरात्रि पर्व पर उज्जैन के रामघाट, केदारेश्वर घाट, भूखी माता घाट, सुनहरी घाट समेत अन्य घाटों पर 21 लाख दीपक जलाकर सरकार विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन इस कार्यक्रम के तहत जो कार्य किए जा रहे हैं उससे लोगों की आस्था को आघात पहुंच रहा है। भगवान शिव के नाम पर आयोजित किया जा रहे शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में जूते पहनकर दीपक लगाने की तैयारियां की जा रही है, जो कि सरासर गलत है। क्षेत्र पंडा समिति ने इस प्रकार कार्य करने का विरोध कर रही है।
क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष
पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि उज्जैन में आयोजित होने वाले शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम
के लिए घाटों पर जो कार्य किया जा रहा है, वह जूते चप्पल पहनकर किया जा रहा है, जो
कि गलत है। उन्होंने बताया कि कल शाम को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के पूर्व ही रामघाट
क्षेत्र में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जिससे घाट पर कर्मकांड, स्नान,
पूजन अर्चन करने आने वाले श्रद्धालु घाट पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। पंडित राजेश त्रिवेदी
ने बताया कि यह धार्मिक नगरी है, जहां पर महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु सिर्फ भगवान
महाकाल के दर्शन और मां शिप्रा में स्नान करने के लिए आते हैं। ऐसे में यदि शिव ज्योति
अर्पणम जैसे इवेंट के नाम पर श्रद्धालुओं को रामघाट पर जाने से रोका जाएगा और मां शिप्रा
में स्नान नहीं करने दिया जाएगा तो उनकी आस्था को चोट पहुंचेगी।
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