‘लॉ एंड ऑर्डर’ सुनने में बहुत ‘स्वादिष्ट’

जगजीतसिंह भाटिया
प्रधान संपादक

लॉ एंड ऑर्डर (कानून व्यवस्था) यह शब्द एक बेहद ही अनुशासित है। यह कानों को सुनने में काफी अच्छा लगता है और सुनते ही हर आदमी अलर्ट की मुद्रा में आ जाता है। शहर में ट्रैफिक को लेकर लॉ एंड ऑर्डर को शहरियों ने ग्लोबल समिट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान देखा था...। सारा महकमा सड़क पर नजर आ रहा था। कहीं कोई जाम के हालात नजर नहीं आ रहे थे। लोगों को भी इन दिनों कानून व्यवस्था नजर आई..., उसके बाद हर बार की तरह यह व्यवस्था फिर उड़नछू हो गई...! फिर वही हालात सड़कों पर नजर आ रहे हैं। ट्रैफिक विभाग ने नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों से जनवरी और फरवरी (2022) में ही पौने दस लाख रुपए का जुर्माना वसूला है...। इसका साफ अर्थ निकलता है कि लोगों में भी कानून व्यवस्था का पालन करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।  वैसे लॉ-ऑर्डर सुनने में बहुत स्वादिष्ट लगता है, इसलिए आए दिन इसे हमारे कानों की खुराक बनाकर खबरों में परोसा जाता है। मजेदार और सबसे खूबसूरत बात तो यह है कि लॉ एंड ऑर्डर सरकारों की तरह ‘बेवफा’ नहीं होता है, चाहे सरकारें बदलती रहे, पुलिस अफसर बदलते रहे..., लेकिन इसकी स्थिति कभी नहीं बदलती है! कोई पालन करे या ना करे..! इसे बोला जरूर जाता है कि ‘कानून व्यवस्था’ का पालन सभी को करना होगा? वैसे हमारे देश का लॉ एंड ऑर्डर हमेशा एक जैसा रहकर आमजन में अपना विश्वास बनाए रखता है, क्योंकि यह किसी को भी अपने भरोसे नहीं रहने देता है और सबको खुद की सुरक्षा के लिए प्रेरित कर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है। ऐसे भी कहा जा सकता है कि हमारा लॉ एंड आर्डर काफी मिलनसार स्वभाव का है, कभी भी किसी से ‘हाथ’ मिला लेता है, मतलब जब चाहे तब इसे कोई भी अपने ‘हाथ’ में ले सकता है और इसके इसी मिलनसार वाले स्वभाव के कारण अपराधी इसका खुलेआम मखौल उड़ाते रहते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि जिन्हें पालन कराने की जवाबदेही दी गई है, वो खुद बेपरवाह है...। रिश्वतखोरी से उन्हें फुर्सत नहीं मिल रही है। कुछ कथितों की वजह से पूरी खाकी बदनाम होती है...। सरकारें भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात तो करती है, लेकिन भ्रष्टाचार साल-दर-साल अपना रुतबा बढ़ाते जा रहा है, अर्थात कमिशन का प्रतिशत बढ़ता ही जाता है। वैसे सभी को साधे रखना भी कानून व्यवस्था की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है! गत अंकों में जवाबदेही अपनी बात रख चुका है कि ऊपर जो बैठा है..., वो किसी को दिखाई नहीं देता, लेकिन चलती सिर्फ उसकी है..., उसकी झोली भरत-भरते नीचे वाला हाफ रहा है, लेकिन ऊपर वाले का पेट नहीं भरता...., क्योंकि उसे भी लॉ एंड ऑर्डर का पालन करना है!  

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