छिंदवाड़ा। गाय को बचाने के लिए भले ही सरकार लाखों रुपये खर्चकर गौशाला का संचालन कर रही है, लेकिन छिंदवाड़ा जिले में गाय को खाने के लिए चारा तक नसीब नहीं हो रहा है। इसलिए गाय पॉलीथिन खाकर अपनी भूख मिटाकर अपनी जान दांव पर लगा रही है।
बता दें कि
ऐसी एक गाय उमरेठ के गौशाला में भेजी गई थी, जो तंदरूस्त तो थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों
से चारा नहीं खा रही थी। यहां तक कि उसे गोबर करने में भी दिक्कत हो रही थी। ऐसे में
पशु चिकित्सक डा. एचजीएस पक्षवार के संज्ञान में मामला आने के बाद सर्जन डा. अंकित मेश्राम द्वारा छह साल की गाय के
पेट का आपरेशन किया तो उसके पेट से लगभग 12 किलो पॉलिथिन बाहर निकाली गई।
दरअसल, गाय
के पेट में पॉलिथिन भरी हुई थी, जिसके कारण गाय ने खाना पीना छोड़ दिया था। सर्जन डॉ.
अंकित मेश्राम ने लगभग दो घंटे तक एक बड़ी सर्जरी कर गाय के पेट में फंसी पॉलीथिन को
बाहर निकाल दिया, जिससे गाय तंदुरूस्त हो गई और जुंगाली भी करने लगी।
गौसेवकों ने
गाय का कराया इलाज...
सहायक पशु चिकित्सा
क्षेत्राधिकारी संजय इनवाती और गौसेवकों ने गाय को हो रही असहनीय पीड़ा के बाद इसकी
जानकारी पशु चिकित्सालय छिंदवाड़ा में दी थी, जिसके बाद जब जांच की गई तो गाय के पेट
में पॉलीथिन होने की बात सामने आई और गाय का सफल ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई गई।
डॉ. मेश्राम के मुताबिक, गाय
के पेट में चार चेंबर होते हैं, पहले चेंबर रूमन में प्लास्टिक फंस जाने की वजह से
वहां आगे नहीं बढ़ पाता। पॉलिथिन एक दूसरे से लपेट कर एक जगह पर रह जाती है। ऐसे में
मवेशियों के पेट की पाचन क्रिया बंद हो जाती है और वहां बीमार हो जाते हैं।
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