उज्जैन। उज्जैन में तमाम सख्तियों के बावजूद चायना मांझे से पतंगें उड़ाई जा रही हैं। मकर संक्रांति से पहले चायना डोर पर रोक लगा दी गई थी, इसके बाद भी उसकी बिक्री नहीं रुकी। शहर के कई इलाकों में चोरी-छिपे बेरोकटोक बिक्री जारी है, इसी का नतीजा है कि 11 दिन में मांझे से हादसे की 5वीं घटना सामने आई है। शनिवार को तराना से उज्जैन आ रहे व्यक्ति का चायना मांझे से गला कट गया। जिससे उसे 8 टांके आए हैं।

मुंडली निवासी बद्री लाल तराना से उज्जैन आ रहे थे। इसी बीच पाटपाला के पास चायना डोर उनके गले में आकर उलझ गई। उन्होंने उसे हाथ से हटाकर बचने की कोशिश भी की, लेकिन इतने में पतंगबाज ने डोर खींच दी। जिससे गर्दन पर गहरा घाव हो गया। उन्हें घायल हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां गले से बह रहे खून को रोकने के लिए डॉक्टर ने 8 टांके लगाए।

एक दिन पहले शुक्रवार को भाजपा दीनदयाल मंडल के कार्यालय मंत्री विष्णु पोरवाल (40) के होंठ और नाक चायना डोर की चपेट में आकर जख्मी हो गए थे। इससे पहले 9 जनवरी को एक व्यक्ति का पैर चायना डोर में उलझकर कट गया। 8 जनवरी को होमगार्ड सैनिक सुजीत ठाकुर का गला चायना डोर में उलझकर कट गया। 4 जनवरी को 6 साल की बच्ची का गला भी कट गया था।

Post a Comment

Previous Post Next Post