इंदौर। प्रवासी दिवस सम्मेलन में इंदौर आए मेहमानों के लिए नगर निगम ने शहर को सजाने-संवारने और सुंदर दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि सम्मेलन स्थल के पास का एक नाला भी इंदौर नगर निगम ने सूखा दिया और किनारों पर पेंटिंग बनाकर उसे सुंदर बना दिया। नाले का पानी डेढ़ किलोमीटर पहले स्टॉप डेम बनाकर अफसरों ने रोक दिया था। प्रवासी सम्मेलन तो निपट गया, लेकिन वहां अब जमा गंदा पानी समीप की सुयश विहार कॉलोनी और बीमा अस्पताल क्षेत्र में बदबू फैला रहा है।
लोग नाले के
पास से निकलते समय नाक पर रूमाल लगाते हैं। अफसरों का कहना है कि स्थाई रूप से नाले
में गंदे पानी की आवक बंद की गई थी। थोड़े दिन बाद बदबू की समस्या नहीं रहेगी। रहवासी
धीरज नजान के मुताबिक प्रवासी सम्मेलन के पहले नाले का पानी रोका गया था ताकि सम्मेलन
स्थल के आसपास बदबू ना फैले हो, लेकिन उसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। रहवासी
दिलीप सिंह ने कहा कि नाले से निकली गाद भी नाले किनारे ही रख दी गई। उससे भी काॅलोनी
में गंदगी फैल रही है। कई बार अफसरों को शिकायत की गई, लेकिन समस्या हल नहीं हुई। इससे
बोरिंगों का पानी भी दूषित हो रहा है।
पंपिंग कर निकाल
रहे पानी
शहर के सीवरेज को सीधे ट्रीटमेंट
प्लांट तक पहुंचाने के लिए इंदौर नगर निगम ने 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च
की है। पाइप लाइन का नेटवर्क बिछाया गया है और छोटे ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए हैं,
लेकिन फिर भी नालों में गंदा पानी और गाद नजर आती है। वाटर प्लस सर्वे से पहले शहर
के कई नालों को मैदान में तब्दील कर दिया गया था, लेकिन अब फिर वैसी ही स्थिति है।
सुयश विहार में जहां नाले का गंदा पानी रुका हुआ है। उसे मोटर पंप लगाकर दूसरी लाइन
में लिफ्ट किया जा रहा है।
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