इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन हरकत में आ गया है और जांच शुरू कर दी गई है। इसके तहत कुछ छात्रों से चर्चा की गई है तथा मंगलवार को भी गहन पड़ताल की जाएगी।

बताया जाता है फर्स्ट ईयर के कुछ स्टूडेंट्स ने पुलिस के एक सीनियर अधिकारी को शिकायत की। स्टूडेंट्स ने उन्हें बताया कि रात 3.30 बजे उन्हें सीनियर्स फोन कर उनके रूम पर मिलने के लिए बुलाते हैं और प्रताड़ित करते हैं। पुलिस ने डीन डॉ. संजय दीक्षित को इसकी जानकारी दी। इस पर डीन ने चीफ वार्डन डॉ. वीएस पाल और वार्डन मनीष पुरोहित को जांच सौंपी तो वे होस्टल पहुंचे। वहां उन्होंने अलग-अलग ब्लॉक में रह रहे करीब 40 स्टूडेंट्स से चर्चा की लेकिन सभी ने चुप्पी साधी तथा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बाद में हर स्टूडेंट्स से अलग-अलग पूछताछ की और साथ ही यह भी विश्वास दिलाया कि जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा तो भी वे कुछ कहने से संकोच कर रहे हैं।

सोमवार को इस मुद्दे को लेकर कॉलेज में बैठक हुई जिसमें घटना की वास्तविकता पता लगाने के लिए अन्य पहलुओं पर जोर दिया गया। खास मुद्दा लिखित शिकायत का है क्योंकि जब तक कोई शिकायत नहीं ंकरेगा तो नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। डीन डॉ. संजय दीक्षित के मुताबिक मामले में जूनियर स्टूडेंट्स से चर्चा की गई है। जो भी सीनियर इसमें लिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। संयोगितागंज थाना टीआई तहजीब काजी ने बताया कि मामले में अभी कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

11 स्टूडेंट्स तीन माह के लिए हो चुके हैं सस्पेंड

पिछले साल भी इसी कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया था। इसमें जांच में दोषी पाए जाने पर 11 सीनियर्स स्टूडेंट्स को तीन माह के लिए सस्पेंड किया गया था। इनके खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज किया था। इस मामले में एक जूनियर स्टूडेंट ने तब यूजीसी की नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी को मय स्क्रीन शॉट्स, चेटिंग, रिकॉर्डिंग के साथ मेल पर शिकायत की थी। इसमें भी शुरुआती दौर में कॉलेज व पुलिस को स्टूडेंट्स के नाम नहीं मिले थे लेकिन फिर पड़ताल के बाद 11 सीनियर्स छात्रों की पहचान कर कार्रवाई की गई थी।

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