उज्जैन। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने उज्जैन एसपी को शिकायत करते हुए कहा है कि महाकालेश्वर प्रबंध समिति को भगवान महाकाल के भक्तों के द्वारा दान मिलता है। यह महाकालेश्वर प्रबन्ध समिति के कर्ताधर्ताओं की जिम्मेदारी है कि दान के रूप में जो भी राशि मिली है, इसका खर्च केवल मंदिर के उपयोग में लाया जाए। लेकिन इन्होंने महामहिम राष्ट्रपति के आगमन पर ट्रस्ट की राशि का दुरूपयोग किया। इसे लेकर अब कांग्रेस ने एफआईआर की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कांग्रेस मीडिया अध्यक्ष के के मिश्रा ने किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में दी गई जानकारी से ज्ञात हुआ है कि भारत के राष्ट्रपति के आगमन के समय प्रेसिडेंशियल सुइट की साज सज्जा एवं उनके रहने की व्यवस्था के लिए 25 लाख रुपये ट्रस्टियों के द्वारा खर्च किए गए हैं, जो कि महाकालेश्वर प्रबन्ध कमेटी के उद्देश्यों के खिलाफ है। केके मिश्रा ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति जी के रहने का खर्च प्रदेश सरकार अथवा केंद्र सरकार के द्वारा उठाया जाना चाहिए।
कांग्रेस के अध्यक्ष के के मिश्रा
व तराना विधायक महेश परमार ने कहा कि ट्रस्टियों ने पूर्व राष्ट्रपति जी के महाकालेश्वर
मंदिर में आगमन के मद्देनजर 61.5 लाख रुपये बैरिकेडिंग एवं कारपेट खरीदी जैसी चीजों
में खर्च किए हैं। यह खर्चा भी महाकालेश्वर ट्रस्ट कमेटी के उद्देश्यों के विपरीत है।
इसी तरह ट्रस्टियों ने ढाई लाख रुपये फूलों की साज-सज्जा के लिए खर्च किए हैं। भगवान
महाकाल इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति के ओहदे से बड़े हैं इसलिए ये खर्च अपेक्षित नहीं
है। यहां तक कि माननीय राष्ट्रपति ने भी यही कहा कि वे महाकाल मंदिर में एक भक्त की
तरह आए हैं, ना कि राष्ट्रपति या किसी गणमान्य व्यक्ति के तौर पर, इसलिए 2.5 लाख रुपयों
का पुष्प सज्जा का यह व्यय ट्रस्टियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात है। कांग्रेस ने मांग
की है कि इन तथ्यों के आधार पर महाकालेश्वर ट्रस्ट कमेटी के ट्रस्टियों खिलाफ 89 लाख
रुपये के गबन की आईपीसी की धारा 406 एवं 409 के तहत एफ आई आर दर्ज़ की जाए।
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