दमोह। दमोह जिले के हटा और बनवार में सूअरों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत होने के बाद वेटरनरी विभाग ने चार सैंपल जांच के लिए भेजे थे, जिनमें हटा से लिए गए सैंपलों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है, जिसके बाद हटा के सूअर पालकों में हड़कंप मच गया है। हटा में नवोदय वॉर्ड ककराई के एक किमी के एरिया को संवेदनशील मानते हुए विभाग के निर्देश पर 14 सूअरों को मारकर जमीन में दफनाया गया। पशु चिकित्सा विभाग की टीम हटा में लगातार जांच कर रही है। वहीं, बनवार में मृत सूअरों के सैंपल मंगलवार को लिए गए हैं। विभाग का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर की कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए हटा में 10 किमी के एरिया में जितने भी सूअर होंगे उन्हें मारना पड़ेगा नहीं तो जिले में संक्रमण और तेजी से फैलेगा। विभाग का कहना है कि सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि के बाद दमोह शहरी क्षेत्र को भी सूअर मुक्त करना होगा।
दरअसल कुछ दिन
पहले हटा में सूअरों की मौत होने का क्रम शुरू हुआ। नगर के जिन इलाकों में सूअर मृत
मिल रहे हैं, वहां आसपास रहने वाले लोग भी चिंतित हैं कि कहीं सूअरों में कोई बीमारी
तो नहीं फैल गई, जो इंसानों के लिए खतरा बन जाए। विभाग ने ऐसे ही मृत चार सूअरों के
सैंपल जांच के लिए भेजे थे। जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि बनवार के सूअरों का
पीएम करने के बाद सैंपल लिया है। उसे मंगलवार को जांच के लिए भोपाल भेजा गया। सैंपल
की जांच रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि सूअरों की मौत आखिर किस वजह से हो
रही है।
बनवार गांव में अब तक सैकड़ों
सूअरों की मौत हो चुकी है और मौतों का सिलसिला
जारी है। सूअर पालक बालचंद बंसल के तीन सूअरों की मौत हो गई। मामले की जानकारी होने
के बावजूद गांव में पशु चिकित्सा विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची है। पशु चिकित्सा विभाग
उपसंचालक डॉ . नरेंद्र गुप्ता का कहना है हटा में सूअरों की मौत अफ्रीकन स्वाइन फीवर
से होने की पुष्टि हुई है, बनवार ग्राम में पशु चिकित्सा विभाग की टीम भेजकर ब्लड सैंपलिंग
करवाई है। सूअर पालकों से अपील करते हैं कि जिनके पास जितने भी सुअर हैं उसकी जानकारी
पशु चिकित्सा विभाग को दें।
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