खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के सेंधवा में रिश्तों की हत्या हो गई। पिकअप की टक्कर से बुजुर्ग की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि उसके बेटे ने ही बीमे के दस लाख रुपये के लालच में पिता की सुपारी दी थी। हादसे में मौत बताकर बीमे के दस लाख रुपये वह हड़पना चाहता था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सेंधवा के आंबेडकर कॉलोनी निवासी बुजुर्ग छगन पवार की दस नवंबर को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह सुबह सैर पर निकले थे। इस दौरान पिकअप ने उन्हें टक्कर मारी थी। पहली नजर में यह सड़क हादसा था। इसे इसी तरह पेश भी किया गया। बेटे ने भी पुलिस को अज्ञात वाहन से टक्कर मारने की जानकारी दी थी। सेंधवा पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।

पुलिस ने अज्ञात वाहन और ड्राइवर की तलाश की तो इस मामले का सच सामने आया। घटनास्थल पर मिले सबूत, मुखबिर से मिली जानकारी, सीसीटीवी फुटेज आदि देखकर जांच को आगे बढ़ाया। पचा चला कि छगन पवार का दस लाख रुपये का दुर्घटना बीमा है। मुखबिर से पता चला कि छगन के बेटे अनिल ने करण शिंदे, गोलू, बिट्टू के साथ मिलकर अपने ही पिता की हत्या करवाई है। चारों ने शुरुआत में ना-नुकुर की, लेकिन सख्ती करने पर टूट गए। उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

साथियों को दिए थे ढाई लाख रुपये

छगन पवार के बेटे अनिल ने बताया कि उसने साथियों को ढाई लाख रुपये दिए थे। उन्हें बताया था कि पिता रोज सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं। इस दौरान सड़क दुर्घटना में उनकी मौत होती है तो दस लाख रुपये मिलेंगे। इसके बाद ही पिकअप से छगन को उड़ाने की योजना बनी और दस नवंबर को हादसा हुआ।

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