कटनी। जिला परिवहन कार्यालय में पदस्थ लिपिक सहित दो प्राइवेट कर्मचारियों (एजेंट) को 96 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। कार व ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन की 65 फाइल पास कराने के नाम पर रिश्वत की मांग की गई थी। तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
लोकायुक्त डीएसपी
जबलपुर दिलीप झरबड़े ने बताया कि अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कटनी में काम
कराने के लिए ट्रैक्टर एजेंसी और कॉमर्शियल ऑटो के रजिस्ट्रेशन के लिए शैलेंद्र द्विवेदी
अधिकृत एजेंट हैं। इनके द्वारा दो माह पहले एलएमवी (लोडिंग वाहन) के 19 और ट्रैक्टर
के 46 आवेदन रजिस्ट्रेशन के लिए जमा किए गए थे। कई दिनों से काम नहीं किया जा रहा था
व भटकाया जा रहा था। जब शैलेंद्र द्विवेदी ने यूडीसी-2 जितेंद्र सिंह बघेल से मुलाकात
की और काम करने के लिए कहा तो नए रजिस्ट्रेशन के एवज में 96 हजार रुपए रिश्वत की मांग
की गई। इस पर आवेदक ने लोकायुक्त जबलपुर कार्यालय में शिकायत की। लोकायुक्त एसपी ने
मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के लिए टीम गठित की। डीएसपी ने कहा कि जितेंद्र
सिंह के कहने पर शुक्रवार को शैलेंद्र द्विवेदी से प्राइवेट कर्मचारी सुखेंद्र तिवारी
ने रिश्वत की राशि लेकर दूसरे साथी एजेंट रावेंद्र सिंह को दे दी, तभी टीम ने रावेंद्र
को रंगेहाथ दबोच लिया।
इस मामले में लोकायुक्त ने यूडीसी-2
जितेंद्र सिंह बघेल, प्राइवेट कर्मचारी सुखेंद्र तिवारी, रावेंद्र सिंह को गिरफ्तार
कर तीनों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस दौरान डीएसपी दिलीप झरबड़े, निरीक्षक स्वप्निल
दास, मंजू किरण, भूपेंद्र कुमार दीवान एवं दल के अन्य सदस्य शामिल रहे।
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