इंदौर। इंदौर के महालक्ष्मी नगर इलाके में रहने वाली 41 साल की संगीता पति मितेश वर्मा ने बाथरुम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। संगीता के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर उसे पिछले दो सालों से उसे परेशान करने का आरोप लगाया है। परिवार का आरोप है कि संगीता को पति और सास-ससुर दिनभर में 100 से ज्यादा बार उसे पागल बोलते, उसे ताने मारते। इसके चलते संगीता डिप्रेशन में आ गई थी। पति मितेश स्टील कारोबारी हैं। उनकी श्रीराम स्टील नाम से फर्म है। दोनों की शादी 20 साल पहले हुई थी। उनके दो बच्चे आर्यन (17) और नंदनी (13) है। हालांकि मायके पक्ष के आरोपों के बारे में मृतका के पति और सास-ससुर से अभी बात नहीं हो सकी है।

बेटे को बोला बाथरुम से आ रही हूं

लसूडिया पुलिस के मुताबिक शुक्रवार दोपहर को 17 साल का बेटा आर्यन स्कूल से घर लौटा। घर पर मां, बेटे के बीच सामान्य बातचीत भी हुई। बेटे से बात करने के बाद वह उसे बोल कर गई की वह बाथरुम जा रही है। इस दौरान सास-ससुर घर के नीचे वाले हिस्से में बैठे थे। काफी देर बाद भी जब संगीता बाथरुम से बाहर नहीं आई तो बेटा मां को बुलाने पहुंचा। उसने गेट खटखटाया पर मां ने कोई जवाब नहीं दिया। वह घबरा गया और उसने शोर मचाया। शोर सुन आसपास के लोग भी जमा हो गए। कारपेंटर को बुलाकर बाथरुम का गेट खुलवाया तो संगीता गीजर के पाइप पर साड़ी से लगाए फंदे पर लटकी मिली। परिवार के लोग उसे लेकर पास के ही निजी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसकी मौत की पुष्टि कर दी। घटना के बाद शव को पीएम के लिए एमवाय अस्पताल भेजा गया। जहां शनिवार को महिला के परिजनों के राजस्थान के बिजयनगर से आने के बाद उसका पीएम करवाया गया।

दिन में 100 बार बोलते थे पागल

मूलत: राजस्थान के अजमेर जिले के बिजयनगर की रहने वाली संगीता के चाचा महावीर प्रसाद का आरोप है कि पिछले दो साल से ससुराल वाले उसे परेशान कर रहे थे। पति, सास भगवती देवी और ससुर मनोहर लाल दिनभर उसे ताने मारते थे। वे उसे पागल बोलते थे। उसे कहते कि तू गरीब परिवार की है। तुझे कोई समझ नहीं है। उसे इतनी जोर से डांटते की वह कांपने लगती थी। ससुराल वाले उसे मारते नहीं थे, लेकिन जिस तरह से प्रताड़ित करते थे, वो मारने से भी ज्यादा भयानक था। तानों के कारण वह डिप्रेशन में आ गई थी। 10 मिनट से ज्यादा बाजार में हो गए तो भी उसे फोन कर चिल्लाते थे। हम लोग मिलने जाते थे, तो बोलते थे कि होटल में जगह नहीं होगी, इसलिए हमारे घर आ गए आप लोग। पहले मितेश का परिवार जोधपुर में रहता था। बाद में वे इंदौर शिफ्ट हो गए थे।

 

वीडियो कॉल करते, तो पति गले में हाथ डालकर बात करता, कान में धमकाता

चाचा ने आरोप लगाते हुए कहा कि संगीता कि परिवार के लोगों से रोज फोन पर बात होती थी। मगर ससुराल वालों ने संगीता पर काफी दबाव बना रखा था। फोन पर बात करने के दौरान ससुराल वाले आसपास ही रहते और उसे कहते कि बोलना यहां सब ठीक है। वीडियो कॉल पर पति संगीता के गले में हाथ डालकर बात करते हुए उससे बहुत प्यार करने दिखावा करता। लेकिन उसके कान में धीरे-धीरे बोल कर उसे धमकाता था। पिछले दो सालों से उसे इस प्रकार परेशान किया जा रहा था। अगर नाश्ता समय पर नहीं मिलता तो उसे डांटा जाता। दिन में जब सास-ससुर के सोने का वक्त होता था उस वक्त बच्चे या कोई आवाज कर दे तो भी उसे डांटा जाता था। परिवार के लोगों से की गई वाट्स एप चैट भी डिलीट कर देते थे। एक साल पहले भगवती देवी की बेटी ने भी सुसाइड किया था। इसके बावजूद ये लोग हमारी बेटी को परेशान करते थे।

घटना स्थल सील, पुलिस कर रही जांच

शनिवार को पुलिस ने महिला का पीएम करवाया। जिसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया। इस दौरान एमवाय अस्पताल में परिवार की महिलाओं व अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन ने बताया कि वे इंदौर में ही महिला का अंतिम संस्कार करेंगे। लसूडिया थाने के उपनिरीक्षक जीआर सोलंकी के मुताबिक घटना स्थल को सील कर दिया गया है। एफएसएल टीम से पूरी जांच करवाई जा रही है। घटना स्थल से जो साक्ष्य मिलेंगे उसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी। परिवार के लोगों ने भी कुछ जानकारी दी है। उसके आधार पर भी जांच की जाएगी। इधर, मृतिका के पति ने पूछताछ में संगीता के मानसिक रुप से परेशान रहने और उसका इलाज कराने की बात कही है। हालांकि इस मामले में डॉक्टर से भी बात की जाएगी।

परिजन खुद ही स्ट्रैचर से एंबुलेंस तक ले गए शव

एमवाय अस्पताल में परिवार के लोग जमा थे। संगीता के पीएम के बाद परिवार के लोग खुद ही स्ट्रैचर से शव को एंबुलेंस तक ले गए। इस दौरान परिवार के लोग मॉर्च्युरी परिसर में ही रोने लगे। परिवार की महिलाएं ने भी इस दौरान स्ट्रैचर से संगीता का शव ले जाते दिखी।

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