परिवार वाले खुश भी हैं और हैरान भी

सवाल : जिसका अंतिम संस्कार किया, वह कौन था?

ग्वालियर। ग्वालियर जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक परिवार ने अपने घर के एक बेटे का अंतिम संस्कार किया था, पर 24 घंटे बाद ही वही बेटा उनके सामने आ गया। अब पुलिस पड़ताल कर रही है कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया, वो कौन था।

ये हैरान कर देने वाला मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले का है। यहां के इंदर गंज थाना इलाके के नौगजा रोड से गायब एक युवक के परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस में एक अज्ञात शव को अपने बेटे के रूप में पहचान कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया और दूसरे दिन बेटा सकुशल घरवालों के सामने आ गया। दरअसल इंदरगंज थाना इलाके की नौगजा रोड पर रहने वाला रोहित कुशवाह अपने घर से 10 दिन से गायब था। तलाश करने के बावजूद भी वह कहीं नहीं मिला, लेकिन गुरुवार सुबह परिजनों को सूचना मिली थी कि ग्वालियर के महाराज बाड़ा के पास स्थित छतरी पार्क में एक युवक का शव मिला है, क्योंकि रोहित भी पैरालाइसिस था और जिस युवक का शव मिला था वह भी पैरालाइसिस था। ऐसे में परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस में अज्ञात शव की पहचान अपने बेटे रोहित के रूप में कर दी। पुलिस द्वारा शव परिजनों को सौंप दिया गया और परिजनों ने विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

शुक्रवार सुबह जब रोहित के परिजन श्मशान घाट पर अन्य क्रिया कर्म के लिए जाने वाले थे तभी सूचना मिली कि रोहित जीवित है और अपनी ससुराल में है। परिजन तुरंत ससुराल पहुंचे और रोहित को जीवित देखकर आश्चर्य में पड़ गए कि जिसका अंतिम संस्कार किया था वह कौन था। रोहित के पिता घनश्याम ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को बेटे रोहित का सब समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन आज सुबह जब फूल उठाने जा रहे थे तभी उसके ससुराल वालों ने बताया कि वह जिंदा है और यहां पर बैठा है। पुलिस की पूछताछ में रोहित कुशवाह ने बताया कि वह गिरवाई में बेपुरा माता के मंदिर पर गया था और वहीं रुक गया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया, वह व्यक्ति कौन था जिसके लिए पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है।

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