पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित दो दर्जन कार्यकर्ताओं पर श्यामला हिल्स पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। ये कार्रवाई शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना देने पर की गई है। दिग्विजय सिंह ने इस पर कहा है कि हमने कोई अपराध नहीं किया।

जानकारी के अनुसार प्रदेश में धरने पर रोक लगाई गई है, बावजूद कल धरना दिया गया। इसे सरकारी आदेश की अवहेलना माना गया। इसी आधार पर कार्रवाई की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने 353 और 188 धारा के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि किसानों के मुद्दे पर दिग्विजय, कांग्रेस कार्यकर्ता और किसानों ने कल सड़क पर बैठकर धरना दिया था। मामले में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जब जब सीएम डरते हैं पुलिस को आगे करते हैं। हमने कोई अपराध नहीं किया है।

दिग्विजय सिंह ने कहा ने एक कार्यक्रम में कहा है कि मैं राजगढ़ का सांसद रहा, वहां की जमीन डेम में डूब रही थी। वहां के लोगों की आवाज उठाना जुल्म है क्या। अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग मुआवजा दिया जा रहा है, पट्टे वाले किसानों को अवैध कब्जा बताकर मुआवजा नहीं दिया जा रहा। आज अधिकारी तक फ़ोन नही उठाते, चिट्ठियों का जवाब तक नही देते। लेटर की रसीद तक नहीं देते। मेरे पास डेढ़ महीने की बातचीत का पूरा रिकॉर्ड है। डेढ़ महीनों से सीएम से मिलने की कोशिश कर रहा था। जनता की आवाज उठाने के लिए भी लोगों ने मुझे तालिबानी करार दे दिया। कल मेरे साथ धरने पर आधे से ज्यादा लोग भाजपा के बैठे थे। मुख्यमंत्री के कार्यालय के लोग उन्हें पूरी जानकारी नही देते। या तो आपके अधिकारी झूठ बोलते हैं या आप झूठ बोलते हो।

मामले में होने लगी राजनीति

दिग्विजय सिंह पर एफआईआर होने के बाद कानाफूसी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि कमलनाथ पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि धरने में कमलनाथ भी बैठे थे। बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्टेट हैंगर पर करीब तीस मिनट मुलाकात की थी। अब कमलनाथ के सूखं बच निकलने पर सियासी चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।

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