बहू की शिकायत : परिवार न बिगड़े इसलिए सहती रही...

इंदौर। इंदौर में ससुर पर छेड़छाड़ का आरोप बहू ने लगाया है। मामला रामचंद्र नगर एक्सटेंशन का है। बहू के बयान के अनुसार उसका विवाह 23 नवंबर 2017 को इंदौर के ही सुभाष नगर में रहने वाले परिवार के यहां हुआ था। विवाह के कुछ समय तक तो ससुराल वालों ने ठीक व्यवहार किया। लेकिन कुछ दिनों बाद ससुर पति और उसके बीच के वैवाहिकसंबंधों में  अनावश्यक दखल देते थे। मेरे बेडरूम के पास ही लगे हाल में टीवी देखने के बहाने बैठे रहते थे मेरे पति एवं मुझे बेडरूम का दरवाजा खोलकर सोने की हिदायत देते थे तथा साथ ही कमरे में आकर बार - बार चेक करते थे और मेरे खाने - पीने की वस्तुओं को लेकर भी ताका-झांकी करते थे। मेरे पति से मेरे द्वारा की जाने वाली प्रणयसूत्र की मधुर बातों को भी छुपकर सुनते थे एवं पूछताछ करते थे। ऐसी हरकत मेरी सास भी करती थी तथा मेरे द्वारा आपत्ति लेने पर मेरा देवर गालियां बकता था। घर से बाहर निकालने की धमकी देता था। इसी दौरान मैं अपने पति के साथ जुलाई 2019 से फरवरी 2021 तक पुणे शहर में मेरे पति की नौकरी के सिलसिले में रही व समय-समय पर ससुराल आती-जाती रही। ससुराल में रहने के दौरान जुन 2020 में जब मेरे पति मुझे पुणे से इन्दौर थोड़े समय के लिए लाए तो ससुर ने पूर्व की तरह मेरे बेडरूम में तांका-झांकी की। जब मेरे पति बाहर रहते थे तो ससुर कहते थे कि मुझे तुम्हारे कमरे में सोना है तथा ऐसा कहते हुए परेशान करते थे। जून 2020 में जब मेरे पति किसी काम से बाहर गए थे तो उनकी अनुपस्थिति में ससुर कहने लगे कि बहू तुम आज कल मेरे पैर नहीं छूती हो, जिस पर जैसे ही मैंने मेरे ससुर के पैर छूये तो उन्होंने दोनों हाथों से मेरे कधे को पकड़ते हुए बुरी नियत से कमर तक छुआ। मैेंने आपत्ति ली व पति के आने पर पति, सास व देवर को बताया तो मेरे पति द्वारा नाटकीय रूप से आत्म हत्या करने की धमकी दी और सास - ससुर, देवर ने भी उक्त बात किसी को नहीं बताने अन्यथा वैवाहिक संबंध बिगड़ने और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। चूंकि परिवार ना बिगड़े इस कारण से में उक्त लोगों की बातें सहन करती रही। मेरे ससुरालजनों के विरुद्ध अन्तर्गत धारा 498 - ए / 34 भा.द.वि. में भी थाना मल्हारगंज , इन्दौर में अपराध क्रमांक 320 / 2021 पर मुकदमा दर्ज है जिसमें मेरे रासुरालजन वर्तमान में जमानत पर है एवं उनके विरुद्ध घरेलू हिंसाओं से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम की धारा में भी जिला कोर्ट में मुकदमा दर्ज है, जो कि मेरे ससुरालजनों की आपराधिक मानसिकता को दिखाता है।   चूंकि परिवार ना बिगड़े एवं उक्त लोगों की धमकी से मैं उनके अत्याचार सहती रही।

Post a Comment

Previous Post Next Post