नगर निगम ने मंगलवार को गणपति इलाके में 6 मकानों को तोड़ा। एक दिन पहले ही सोमवार को निगम ने मकानों के मालिकों को नोटिस जारी किए थे। मकान 70 से 80 साल पुराने थे। जर्जर हालत में पहुंच चुके थे।नगर निगम के अधिकारी डीआर लोधी के मुताबिक, इन मकानों को तोड़ा नहीं जा सकता था। मकान बहुत खस्ता हालत में थे। इस कारण इन्हें पूरी तरह से खत्म कर दिया गया।


मकानों को गिराने के लिए कई किराएदार विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि उन्हें और मोहलत दी जाए। ऐसे में रिमूवल प्रभारी अपर आयुक्त ने हाथ जोड़कर लोगों को पीछे हटाया।


बचे हुए निर्माण को लेकर समय सीमा समाप्त

नगर निगम आयुक्त ने सोमवार को दौरा किया था। बचे हुए निर्माण अब सीधे तौर पर निगम द्वारा ही हटाए जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि टाइमर लगाकर यहां तय सीमा पर सड़क निर्माण का काम पूरा किया जाना है। नगर निगम के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह तोड़फोड़ के लिए दोनों तरफ के रास्ते बंद कर दिए थे। साथ ही JCB, पोकलेन ओर निगम का अमला यहां कार्रवाई के लिए मौजूद था।


हाथ जोड़कर अफसर ने लोगों को पीछे हटाया

यहां कार्रवाई के लिए रिमूवल प्रभारी अपर आयुक्त रमन सिंह भी पहुंचे थे। उन्होंने हाथ जोड़कर लोगों को पहले पीछे हटने के लिए कहा। इस दौरान डेढ़ सौ कर्मचारी, 5 पोकलेन मशीन ओर जेसीबी को यहां लगाया गया था। यहां शुरूआत में कुछ लोगों से निगमकर्मियों की कहासुनी हुई। उनका कहना था कि उन्हें और समय दिया जाए, लेकिन अधिकारियों ने घरों की हालत जर्जर होने की बात करते हुए हादसे की आशंका जताई। अधिकारियों ने कहा कि पहले ही निगम चार हफ्ते का समय दे चुका है। यहां एक दुकान पर कार्रवाई को लेकर भी निगम के अधिकारियों की दंपती से कहासुनी हुई थी, जिन्हें पुलिस ने बीच में आकर हटा दिया।

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