इंदौर नगर निगम के वार्ड 58 से कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी की पार्षदी समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लव जिहाद के केस में फंसने के बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 20 जून को संभागायुक्त दीपक सिंह को इस संबंध में पत्र लिखा था, जिसमें कादरी को उनके पद से हटाने का अनुरोध किया गया था। इसके जवाब में संभागायुक्त सिंह ने महापौर को पत्र लिखकर मामले की पूरी जानकारी मांगी है और साथ ही निर्देश दिया है कि नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत सूक्ष्मता से जांच कर प्रतिवेदन भेजा जाए। महापौर ने अपने पत्र में बताया कि कादरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, और उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें पद से हटाना आवश्यक है।

देशद्रोह और आपराधिक छवि के आरोप, पार्षद को मिलेगा जवाब का मौका

महापौर द्वारा भेजे गए पत्र में पार्षद अनवर कादरी को देशद्रोही मानसिकता वाला और आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया है। इस मामले में नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 19 के तहत संभागायुक्त को सीधे पार्षद को हटाने का अधिकार प्राप्त है। लेकिन अधिनियम की धारा 19 (2) के अनुसार, कादरी को पहले नोटिस दिया जाएगा, जिसमें पूछा जाएगा कि क्यों न उनकी पार्षदी समाप्त की जाए। इसके बाद कादरी से लिखित जवाब लिया जाएगा और यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो पार्षद पद से हटाने की अंतिम कार्यवाही की जाएगी।

कांग्रेस ने बताया सियासी षड्यंत्र, बीजेपी पार्षद पर भी उठाए सवाल

पार्षद अनवर कादरी के समर्थन में कांग्रेस खुलकर सामने आ गई है। निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इसे बीजेपी द्वारा रची गई साजिश बताया है। पार्टी प्रवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने कहा कि जब तक अदालत से कोई सजा नहीं होती, तब तक महापौर को ऐसा पत्र लिखने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि बीजेपी के पार्षद और एमआईसी सदस्य रहे जीतू जाटव उर्फ यादव के खिलाफ भी गंभीर आरोप थे, लेकिन उनके खिलाफ ऐसी कार्यवाही क्यों नहीं की गई, जबकि उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था।

एनएसए के तहत कार्रवाई, 18 गंभीर मामले दर्ज

इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत (पिता – असलम कादरी, निवासी – 44 सदर बाजार) के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें निरुद्ध करने के आदेश जारी किए हैं। कादरी पर लव जिहाद के लिए फंडिंग करने सहित कुल 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में जानलेवा हमला, डकैती, बलवा, अवैध हथियार रखना, ज़मीन कब्जा करना और मारपीट जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। यह पहली बार नहीं है जब कादरी की आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर विवाद उठा हो, लेकिन इस बार मामला उनकी पार्षदी तक पहुंच गया है।

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