प्रभात चौराहे पर फर्जी कॉल सेंटर पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने चालान पेश कर दिया। इस कॉल सेंटर के जरिए ऑनलाइन तरीके से करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही थी। इस मामले में आरोपी तो पकड़े ही गए थे, साथ ही मामले की जांच में आरोपियों से मिलीभगत और लापवाही के आरोप लगने पर ऐशबाग थाने के टीआई समेत छह पुलिसकर्मी भी नप गए थे। इस मामले में सभी आरोपियों की अभी भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
जानकारी के अनुसार ऐशबाग पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एकता ठाकुर की अदालत में मुख्य आरोपी अफजल खान और उसकी की बेटी साहेबा और साला मुईन खान सहित 13 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया है। चालान में सभी आरोपियों की भूमिका के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए हैं।
जानकारी मुताबिक 23 फरवरी को ऐशबाग पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर में छापा मारकर कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर आदि जब्त कर 28 फरवरी को अफजल खान और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अफजल को एक मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। मामले में अफजल के साले को आरोपी नहीं बनाए जाने को लेकर एएसआई पवन रघुवंशी ने 25 लाख रुपये में डील की थी। टीकमगढ़ का रहने वाला अफजल खान यहां प्रभात चौराहा पर फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। अफजल खान द्वारा फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से देश भर के लोगों को निवेश कराए जाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही थी।
फर्जी कॉल सेंटर के संचालन का खुलासा तब हुआ था जब यहां पर काम करने वाली युवतियों ने वेतन न मिलने की शिकायत की थी। आगे उन्होंने यह भी बताया कि सेंटर से निवेश कराने का जाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है। ऐशबाग पुलिस ने छापेमारी कर शिकायत की जांच की। कुछ दिनों में पुलिस की इस जांच में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने लगीं। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने जांच कराई। एडीसीपी जोन वन की अगुवाई वाले पुलिस दल ने पांच मार्च को टीकमगढ़ के पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एएसआई पवन रघुवंशी को पुलिस ने पकड़ लिया था। पवन रघुवंशी ने बताया था कि यह राशि वो थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल के कहने पर ले रहा था।
पुलिस आयुक्त ने पांच मार्च को ऐशबाग थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, तत्कालीन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पवन रघुवंशी, तत्कालीन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मनोज सिंह और तत्कालीन हेड कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र को निलंबित कर दिया था। पांच मार्च को ही ऐशबाग पुलिस थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, पवन रघुवंशी, मनोज सिंह और धर्मेंद्र सहित पवन को पांच लाख रुपये की रिश्वत देने वाले टीकमगढ़ के पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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