जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारन घाटी में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हमले में इंदौर के वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल भी जान गंवा बैठे। सुशील अपनी पत्नी जेनिफर, बेटे आस्टन और बेटी आकांक्षा के साथ चार दिन पहले ही कश्मीर घूमने पहुंचे थे। सुशील आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में कार्यरत थे। एडिशनल पुलिस कमिश्नर (कानून व्यवस्था) अमित सिंह ने सुशील की मौत की पुष्टि की है। घटना ने पूरे इंदौर शहर को गमगीन कर दिया है।

ताजा जानकारी के मुताबिक 5.30 बजे सुशील के पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट पर लाएंगे। यहां सीएम मोहन यादव उन्हें श्रद्धांजलि देंगे और एयरपोर्ट से ढक्कन वाला कुआं स्थित सेंट पलोटी चर्च ले जाएंगे जहां अंतिम क्रिया की जाएगी। कलेक्टर आशीष सिंह और कई जनप्रतिनिधि सुबह से ही उनके घर पहुंच चुके हैं। 

धर्म पूछकर किया हमला, सुशील को बनाया निशाना

सुशील नथानियल के भाई विकास ने घटना का दिल दहला देने वाला विवरण साझा किया। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने पहले सुशील को घुटनों के बल बैठाया और कलमा पढ़ने को मजबूर किया। जब उन्होंने खुद को ईसाई बताया, तो आतंकियों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में सुशील की बेटी आकांक्षा को पैर में गोली लगी है। हमले के दौरान सुशील ने अपनी पत्नी जेनिफर को छिपा दिया और खुद सामने आकर खड़े हो गए, जिससे उनकी पत्नी की जान बच सकी। जेनिफर खातीपुरा के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं, वहीं घायल आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत हैं।

बेटा और पत्नी सुरक्षित, परिवार का मूल निवास जोबट

घटना के दौरान सुशील का बेटा आस्टन और पत्नी जेनिफर किसी तरह सुरक्षित बच निकले। परिवार मूल रूप से मध्य प्रदेश के जोबट का रहने वाला है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, हमले के बाद सेना और पुलिस की मदद से जेनिफर और आकांक्षा को अस्पताल पहुंचाया गया, जबकि आस्टन पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस हृदयविदारक घटना ने परिवार को झकझोर कर रख दिया है और पूरे इलाके में शोक की लहर है।

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