इंदौर में छह किलोमीटर का रुट मेट्रो संचालन के लिए तैयार हो गया है। इसके लिए मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने किराया भी तय कर दिया है। मेट्रो का संचालन कब से शुरू होगा। यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। गांधी नगर डिपो से बांगड़दा तक जिस हिस्से में मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा। 

वहां न तो अभी तक बसाहट हुई है और न ही कोई व्यापारिक क्षेत्र है। इसके चलते अभी उस रुट पर मेट्रो के लिए यात्री मिलना मुश्किल है। अभी सुपर काॅरिडोर पर टीसीएस और इंफोसिस के कैम्पस है। उसमें काम करने वाले कर्मचारी भी एरोड्रम क्षेत्र, सुखलिया ग्राम या विजय नगर क्षेत्र में रहते है, लेकिन मेट्रो के मौजूदा रुट में यह इलाके नहीं है।

 इस कारण इन कंपनियों के कर्मचारियों को भी मेट्रो ट्रेन का ठीक से फायदा नहीं मिल पाएगा। यदि मेट्रो ट्रेन गांधी नगर से विजय नगर तक संचालित होती है तो फिर यात्री बढ़ सकते है,क्योकि गांधी नगर क्षेत्र के कई लोग काम के सिलसिले में विजय नगर या उससे आगे जाते है। उनके लिए बेहतर कनेक्टिविटी हो जाएगी।

मेट्रो के मध्य हिस्से में अंडरग्राउंड काम होना है। इसके लिए टेंडर भी मंजूर हो चुके है। कंपनियों को भी कार्य आदेश दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। दरसअल नगरीय प्रशानस मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व अन्य जनप्रतिनिधियों को नाथ मंदिर से मेट्रो के अंडरग्राउंड किए जाने पर आपत्ति है। 

उनका कहना है कि मेट्रो बंगाली काॅलोनी चौराहा से ही अंडग्राउंड हो ताकि पलासिया चौराहे पर ब्रिज बनाने या भविष्य में होने वाले अन्य निर्माण के लिए परेशानी न हो। अभी मेट्रो का काम गांधी नगर से एमआर-9 चौराहे तक ही चल रहा है। उससे आगे काम नहीं हो रहा है।

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