इंदौर में मेट्रो के छह किलोमीटर हिस्से में मेट्रो ट्रेन के कमर्शियल रन की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सेफ्टी आडिट चल रहा है। लेकिन छह किलोमीटर हिस्से में न तो बसाहट है और न व्यापारिक क्षेत्र। इस कारण यहां मेट्रो का संचालन में फिलहाल फायदे का सौदा नहीं होगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि छह किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो के लिए पर्याप्त यात्री नहीं मिल सकेंगे। यदि एयरपोर्ट से 17 किलोमीटर लंबाई में रेडिसन चौराहा तक मेट्रो का संचालन होगा तो मेट्रो के संचालन में फायदा हो सकता है। यहां तक मेट्रो के आने में डेढ़ साल तक का इंतजार शहरवासियों को करना पड़ सकता है। 17 किलोमीटर हिस्से में मेट्रो स्टेशन ही तैयार नहीं हो पाए है। उसके बगैर ट्रेन का संचालन संभव नहीं है।
मेट्रो का ट्रायल रन 17 किलोमीटर हिस्से में इस साल होना था। डेढ़ साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छह किलोमीटर लंबाई में मेट्रो का ट्रायल रन किया था। तब अगला रन 17 किलोमीटर तक करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस हिस्से में आठ मेट्रो स्टेशन तैयार नहीं हो सके है। इसके अलावा गांधी नगर से एयरपोर्ट तक के काम को पूरा होने में ही आठ माह से ज्यादा का समय लगेगा।
यदि तीन साल के भीतर एयरपोर्ट से रेडिसन चौराहा तक कमर्शियल रन शुरू हो जाता है तो सिंहस्थ मेल के समय मेट्रो को सबसे ज्यादा यात्री मिलेंगे। एक अनुमान के अनुसार तब इंदौर में प्रतिदिन पांच लाख से ज्यादा यात्री इंदौर से होकर सिंहस्थ जाएंगे। तब ज्यादातर यात्री मेट्रो का उपयोग करेंगे। दूसरे शहरों से आने वाली ज्यादातर यात्री बसें कुर्मेडी बस स्टैंड पर रुकेगी। इसके अलावा एयरपोर्ट से भी मेट्रो ट्रेन पकड़ कर यात्री विजय नगर तक आ सकेंगे। मेट्रो के 17 किलोमीटर के रुट पर एयरपोर्ट और एक बस स्टैंड भी है। तीन साल बाद लगने वाले सिंहस्थ मेले के समय सबसे ज्यादा यात्री मेट्रो में सफर करेंगे।
पीडब्लूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर व इंदौर उत्थान के संयोजक अजीत सिंह नारंग का कहना है कि अभी छह किलोमीटर हिस्से में मेट्रो के संचालन से फायदा नहीं होगा। कमर्शियल रन के लिए रेडिसन तक मेट्रो ट्रैक व स्टेशन तैयार करना जरुरी है। टीसीएस, इंफोसिस व अन्य आईटी कंपनियों के प्रोफेश्नल विजय नगर, एरोड्रम क्षेत्र में है। उनके लिए मेट्रो काफी सुविधाजनक होगी।
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