इंदौर के प्राचीन गोपाल मंदिर में शादी के आयोजन का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा और कांग्रेस के नेता ने इस पर आपत्ति जताई है। उधर शादी का मुद्दा गरमाता देख संभागायुक्त दीपक सिंह ने भी जांच के आदेश दिए है। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि पहले भी मंदिर शादी के लिए किराए पर दिया जाता था, लेकिन इस बार की शादी में ज्यादा मेहमानों को बुलाया गया और वहां पर खाने की व्यवस्था भी की गई।

भाजपा के पूर्व विधायक गोपी नेमा ने कहा कि इंदौर के अफसर बधाई के पात्र है। शहर के मध्य गोपाल मैरेज हाॅल का जनता को पता चला। करोड़ों रुपये लगाकर जिस मंदिर को संवारा गया। उसे नाम मात्र के किराए पर क्यों दिया जा रहा है।

मंदिर परिसर के किराएदारों को पहले निकाला गया। इससे कई लोग बेरोजगार हो गए, लेकिन अब तो मंदिर परिसर ही किराए पर दे दिया गया। इससे भक्तों की भावनाएं आहत हुई है। अब कोई भी अफसर इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।

कांग्रेस नेता राजेश चौकसे ने कहा कि भाजपा के राज में मंदिरों से भी कमाई की जा रही है। इससे जनभावनाएं आहत हुई है। इंदौर में कई निर्धन परिवार कम्यूनिटी हाॅलों में विवाह आयोजन करते है, लेकिन धीरे-धीरे कई कम्यूनिटी हाॅल तोड़ दिए गए और अब मंदिर शादी के लिए किराए पर दिए जा रहे है। नेमा ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव को अफसरों पर सख्त कदम उठाना चाहिए।

टेंट-तंबू गायब, परिसर में फैला कचरा

विवाह आयोजन का मामला तूल पकड़ने के बाद सोमवार सुबह टेंट-तंबू तो सुबह ही गायब हो गए, लेकिन परिसर में जगह-जगह कचरा फैला हुुआ था। इससे सुबह दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को परेशानी हुई। भक्तों का कहना है कि पहले हमने कभी यहां शादी के आयोजन नहीं देखे। प्रवासी सम्मेलन के दौरान जरुरत विदेशी मेहमानों के लिए मंदिर को सजाया गया था।

आपको बता दें कि रविवार को मंदिर में एक कारोबारी ने अपनी बेटी की शादी कराई। मंदिर परिसर में फूलों का डेकोरेशन किया गया था। गलियारे में मेहमानों के लिए सोफे रखे गए थे। मंदिर में गर्भगृह के सामने हवन कुंड बना दिया गया था और दुल्हा-दुल्हन के फेरे के लिए डेकोरेशन किया गया था। आसपास कुर्सियां भी लगाई गई थी। मंदिर परिसर में ही भोजन भी तैयार हो रहा था।

Post a Comment

Previous Post Next Post